पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष षष्ठ भाग.djvu/३२

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खिलाफत

बगे रहे, परन्तु सिफीनको सड़ाई जीत मापाविया पर जैसे ही मोपावियाका हाथ खाली हुपा, उन्होंने पढ़ने को तैयार हुए। किन्तु उनकी फौजने वैसा करना यनाके विकर प्रपनी मैन्य चालना को । शाकके न चाहा। पलीके भी एक खिररीत नामक पादमी अधीनस्थ सेते ही उन्होंने मोजूदा सुसहमामे न मान इस बात पर विगड़ खड़े हुए. कि उन्होंने मरपनीका पलानों और यूनानीयों पर अपनी फौज चढायो यो। फैसला न माना था और कितने ही लोगों को कर उस समयमे कोई ऐसा वर्ष कहां पाया, जिसमें जहर पादि न देने को उसकाने लगे। गतीने बड़ी मुश्किल में म हुए हो। ६१८ पौर ६७४ ई० को मोपाधियाने उन्हें दबाया था। परन्तु मोमावियामे लड़ने उनके कुस्तुनमिया जीतने की कोशिश की। उनके जहानी भाई पाकिल तक न गये। मोधावियान अपनी सफैसे बड़ेने मारजिकम अधिकार किया था। अफरीकाम पसीके राज्यम लगातार हमले किये और अपने भी मुसलमान राज्य बढ़ाने का काम जोरसे चला। गुमाश्तों के जरिये बसगमे खौफनाक बमवा खडा करा १७. ई० को नोन करवानको नौंव डालो जहां पाज दिया। फिर मदीना और मक्क पर चढाई रोनेसे लोग भी उनके नामको बडो मसजिद खड़ी है। मोपावियाको खसीफा मानने पर मजबूर किये गये। . पाखोरको कूफाके हाकिमने जियाद का नटखटपन ०को प्रलोके मार डाले जामे पीछे उनके जड़के बिगाड़ डाला, परन्तु मोपावियाने उन्हें पबू सूफियान्- उमन खिलाफसके लिये चुने गये थे, परन्तु मोपा का पुत्र पोर पपना भाई जैसा मान दूसरे वर्ष बसरा वियाके माथ लड़ाई होनेके भयसे वह सिकुड़ रहे। और उसमें सगनव का अधिकारी बनाया मोपावियाने बसरा लट सारा सरकारी खजामा हिफा. ___था। जियादने गोत्र ही वहां फिर शान्ति प्रतिष्ठा की। जसके साथ मके भेज दिया था। जब इनके वंशज गही। ६१३ई.को खरिजाप्रतीक बलवे में उनके सरदार मारे पर बैठे और या पधं विरा सा बन गये, इसमन गये। परन्तु शीया लोग नाखध थे। जियादने प्रमको । फाके खजाने का माल, जिसमें ५० लाख पयफिया . अपना साकारी बनाया था, जिन पर एकवारको बही थीं और ईरानी सूर्य दाबको मासगुजारी पपा । मसजिद नमाज पढने के समय पत्थर फेंक गये। इस हुकूमतके बदले मांगी थी। अब यह बात चीत खसी,. पर जियादने अपने पाप ना शोयानोंक नेताको गिर. सनपोममें बसवा फट पड़ा। सन प्रपन पाप मतार किया पोर १४ बलवाइयोंको जिनमें कई जख्मी हुए और मदीन को पीछे हट गये, जहां वा सम्मान्त व्यतिथे, दामासकर पकड.के भेज दिया। पाठ-नौ वर्ष पीछे चल बसे या प्रवाद कि मोपावियाने उनमें सात विहोंने वश्यता स्वीकार म की, मार डासे उनकार दिलाया था, बबुनयाद है। गये। धीयानों ने जमको शहीद जैसा ससवर किया को पोम में मोपाविया कूफामें पौर मोपाविया पर बहुत बड़ा पाप करनेका इलजाम दाखिल ए पोर अनुयायियों के सम्राट्जैसे स्वीकार किये गये । इस वर्ष को एकाका सास करते है। सगाया। फिर पूर्वको साम्राज्य फैलाने का काम ब. मोपावियाके एक कट्टर दुश्मन जियाद बचे रहे। में लिया गया । रसके लिये इसको सबसे बड़ी फोन १४ वर्ष की अवस्थामें उन्हें बसराको फौजका मामी देनी पड़ी थी। जियादको खुरासानको भेजी हुई काम सौंपा गया था। वह पसीके एक वफादार नौकर पाको फोजन पुनार मब, हिरात और बलखको से और बसरामें मोमावियाको सरफसे जो बलश अधिकार किया, तोखारिस्तान जोत सिया और पोक खड़ा पा था, उन्होंने दवा दिया। फिर का फारस सस तस बदन बड़ा दिया। ६७३ ई० को नियाटके और किरमान पहुंचे, जहां उन्होंने शान्तिरक्षा की सड़के पबदुशाने उ नदी पार करके बोखारा पधिकार 'पौर लोगों को प्रमोके पक्ष में बना रखा। पलीके मरमे किया पोर सूटका मास माद फांद जो ट्रान्सपोक्सि · पर जियाद रस्तखारमें किला बांध बैठ रहे और पामा पावारा तुसि मिला था, वह वापस पाये। पामसमर्पण करने को राखी नए। पबदुमा पपने साथ बसराको २०० तुर्को तीरदान