पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष षष्ठ भाग.djvu/३३

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

खिलाफत २१ साये थे। खसीफा मानके लड़केमे जिरे मोपा. हुसेनका यह करकर कूफा बुलाया कि उन्हें ईराकका वियामे खुपसानका हाकिम मियुक्त किया था, ६७४ सूबेदार बनाया जावेगा । पलो रस पर तैयार हो गये। को समरकन्द के ऊपर चढाई की। दूसरी मेनापति यजीदने मशहर जियादके बेटे पोबेदनाको कूकामें सिन्ध तक घुस गये पौर काबुल, मीजस्तान, मकरान शान्ति स्थापन करने भेजा था। सेन मकास पपमें पौर कन्दाहारको उमों ने जीत लिया। ६७२.१७॥ई खानदान के साथ कूफाको रवाना हुए, परन्तु जब वा को जियादके मरने पर ऐसा अमन चैन बढ़ा, किसीको यफेटिसके पथिम करबला में पहुंचे, जमरकी फौज देख अपनी जान या मासका खौफ न रहा और अकेलो कर छके छूट गये। इसेम रस उम्मेद पर लड़ने लगे पौरत भी अपने घरमें खुले शिवाडा महफन यो। कि कूफासे उन्हें मदद मिलेगी और ६४• ई०१० मोप्राविया एक पादर्श परत सैयद था । निम्न प्रक्तूबरको प्रायः पप मभी साथियों के साथ खेत लिखित प्रवादसे उनकी बुद्धिमत्ताका पूर्ण परिचय रहे । परन्तु कूफार्म हुसेनके सरफदाग इसे एक मिलता है-मोपावियाका एक प्रान्त प्रबटुझा बो. प्राफत समझा और जमर, पोबेदना पोर यजीदको जबरके मुल्कसे मिला था। उन्होंने एक सखन इत्यारा विघोषित किया। शीया पाज भो उन्हेंबडी चिट्ठोमें मोपावियाके गुलामों की यह शिकायत की घृणाको दृष्टिमे देखते हैं । मुहम्मका १०वा शोयामों में कि वह उनके राज्यमें पनधिकार प्रवेश करते थे। दिन 'कत्सकी रात' कहलाता है। गतको जगर मोपावियाने इसके जवाब में अपने बेटे यजीदको यह जगह जहां ताजिये रखे जाते, सोग मरमिये पढ़ते और बात न मान कि उस बेरजनीके स्थिये जुबैरको कडी रो रो देते है । करबला, जहाँ हुसेनको कारे, पोया. सजा मिलनी चाहिये। एक खुशामदी चिट्ठी लिखी, पोका सबसे पवित्र तार्थ स्थान माना जाता है । उबैय. जिसमें पनाधिकार प्रवेश पर खेद प्रकट किया और दुलाम हुसेनका सर सपके बाल बच्चों के साथ दामा- मुसामों पर राज्य दोनों को जुबैर के लिये छोड़ दिया। मकस पहुंचाया था। यजीद इस पर बहुत रखीदा इस पर जबरने राजभलिका पाया देखाया था। पुए और कैदियों को सही सलामत मदोना भेजा। इससे यजोटकी शिक्षाके लिये मी एक मोति मिकल सोग योयापो के बलवको दरा बरसात थे। जबरने चाया। इनके मरने पर अपनेको ईखरीय वंशका एक शरणा. मोपाविया पर अपने का दुश्मनों को जार देनेवा गत व्य खिसा परिचित किया पोर चुपके चुपके लजाम सगाया जाता है। परन्तु इसका कोई प्रमाण खुसीका भी कर दिया। मदीनाकी मसजिद में लोगों ने नहीं मिलता। १८० को इनका मृत्यु तपा। इनके योदसे सड़नेको प्रतित्रा को यो। यत्रोदने इसके पन्तिम शब्द यह धे-तुम परमेश्वरसे हरा, जो बड़ा खिसाफ पपनो फौज भेजी। १८३९ के अगस्त महीने और शक्तिशाली है, क्योंकि परमेश्वर जिसकी प्रशंसा सिपाहियोंन जाबर मदीमा नगरक पास डेरा सबको करनी चाहिये, उससे डरनेवालेको बचाता, डासा पोर बहुत बारने सुनने पर भी जब कुछ नापा जो परमेश्वरसे नही डरता, कैसे बच सकता है। ऐसी सिरीयों को छल बससे नगर दखस किया और तीन स्थितिमें यह बात नहीं मानी जा सकती कि वह दिन तक लट मार होती रही, नागरिकों को वाध्य हो शराबखोर, ऐयाश और मजबसे चापरवार थे। उनके यजीदको वसता माननी पड़ो। सम्भवतः ६८३ ई० समय प्रदीमाको बापमकीके खिलाफ दामासकस १२ नवम्बरको यजीद मी थे । फिर जुधेयरने खुलकर पौर सोरीयामें पूरा अमन न रहा। पपने को खलीफा बतलाया पौर लोगों को राजभलिका २ बमोदका गासन-मोपापिया के मरने की विरोधका शपथ उठाने को बुलाया। यह ग्रोध की परव, मिसर सङ्गठन एपा। यजीद गहो बैठे थे। इनोंने सबको चौरई में खलीफा बीत ए, और मदीनाको राजमतिकी शपथ देने को सिखा। पलीके वजों, वापस ए । उमेयर निकास वापर किये गये।