पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष षष्ठ भाग.djvu/४०४

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गुदासर-गुनगुनाना २ मलहार। ३ पक्षीविशेष, एक तरहकी चौड़िया। गुदियारा ( फा० ) गदकारा देखो। ( Loxia hypoxanthar ) गुदी ( मं० स्त्री० ) गुद-डोष । वह स्थान जहां नौकादि गुदागर ( म० पु० ) गुदे अङ्क र इव । अर्शरोग, बवा- | मरम्मत को जाती हैं। सीर। गुदोगर-बबई प्रान्तके कनाड़ा जिन्लेको एक जाति । गुदाज ( फा.वि.) गूदेदार, मामसे परिपूर्ण । इनको मंख्या प्रायः ३८० है। यह सिरमो, मिदापुर, गदाना (हिं० क्रि० ) गोदनकी क्रिया कराना। होनावाड़ और कुमतामें कुछ कुछ मिलते हैं। दूमरा नाम गुदाम--जहां पर एक तरहके अनक द्रव्य रखे जाते हैं, | चितार है। प्रत्येक नामकै पोके 'मेठी' उपाधि लगता गोला। 'गुदाम' शब्दको उत्पत्तिमें कुछ मतभेद देखा है। गोवामे पोतगीज राज्य स्थापित होने पर यह कनाडी जाता है। किमीके मतसे 'Lionly in' शब्द का अपभ्रश आये। उनके क्षत्रिय होनेका दावा किया जाता है। और किमीके मतमें मलयभाषा 'गदोङ्ग' शब्दसे 'गुदाम' किन्तु ब्राह्मण वह बात नहीं मानते । इनको घरू बोलो निकना है। जिस घरमें माल रखा जाता है, तामिल कनाडी है। परन्तु ममुद्र तट पर रहनेवाले कोकणी भो भाषामें उम घरको 'किदशु' और तेलङ्ग भाषामें 'गिदनि' बोलते हैं। पुरुष शिल्पो होते भी चञ्चल, अमितव्ययी, और कहते हैं। सिंहनमें भी उपरोक्त शब्द 'गुदाम' नामसे आलमी हैं, अपने काम पर ध्यान नहीं देते। यहां चन्दन, व्यवहत होता है। इमोसे मालूम होता है कि तामिल हाथो दाँत और आबनम पर अच्छी नक्काशो की जाती और तेलङ्गसे ही अपभ्रंश गुदाम शब्द निकला है। है। प्रधान उपजीविका नक्काशी और रङ्गरेजा है । यह गुदामय ( मं० पु०) अथ रोग। हाविग ब्राह्मणों को छोड़ करके दूसरेका बनाया भोजन गुदामयहर ( म० पु० ) कट शूग्गा, जङ्गली जमीकन्द। ग्रहण नहीं करते। महिसुरम्थ शृङ्गरिमठके प्राचार्य इनके गुदार (हि. वि. ) गूदेदार, जिसमें अधिक गूदा हो। गुरु हैं। अपने कुलपुरो हत हाविग ब्राह्मणोंका यह गुदा ( फा० वि० ) नदी पार होनेको घाट । बड़ा मम्मान करते हैं। कन्याओं का विवाह और ११ गुदारा ( फा० पु० ) नौका हारा नदो पार होनको क्रिया, वर्षके बीच होता है। बालकोंको कनाड़ी भाषा सिख- उतारा। दियात्तम-मन्द्राजक उत्तर अरकाट जिलेका ताल क । लायो जाती है। यह अक्षा० १२४२ तथा १३ ५ उ० और देशा० ७८ | गुदुरी ( हि ० स्त्री० ) १ मटरको फलो। २ एक तरहका ३५ एव ७८.१६ पू० मध्य अवस्थित है। क्षेत्रफल कीड़ा जो प्रायः मटर और चनेको फसलको नष्ट कर ४४७ वर्ग मोल और लोकमख्या प्राय: १८५६६५ है। देता है। इसमें एक शहर और १८३ गांव आबाद हैं । मालगुजारी गुदौष्ठ ( मं० पु०) गुदस्य ओष्ठ व । १ गुदाक अवयव और मेस काई ३२७५०० है । पान्नार नदीके उत्तर तटको विशेष । २ मलहारका मुख । इसको भूमि फैली हुई है। पश्चिम विभागमें पहाड़ है। | गुदा (हिं० ) १ गावो। २ वृक्षको मोटी डाल । सुख मट्टीमें बाम्न मिली है। गुद्दी (हि. पु० ) १ किमो फलके मध्य का गूदा, गिरी। गुदियात्तम-मन्द्राजके उत्तर अरकाट जिलेमें गुदियात्तम २मिरका पिछला भाग, ल्यौंड़ो। ३ हथलीका माम । ताल कका मदर । यह अक्षा १२५८ उ. और देशा | गुधित ( सं० वि० ) परिवष्टिन, घिरा हा। ७८ ५३ पूछमें रेलवे ष्टेशन तथा पालार नदीसे कोई | गुधेर ( स० वि० ) गुदयति वेष्टयति रक्षयति इत्यर्थः । ३ मील उत्तर पड़ता है। जनसंख्या प्रायः २१३३५ है।। गुध एरक, रक्षक, बचानेवाला। १८८५ ई०को यहां मुनिसपालिटी हुई । सडक अच्छी गुन (हिं. पु० ) गप देखा। हैं। प्रधान व्यवसाय कपड़े की बुनाई है। गुड़, चमडा, गुनगुना (हिं० वि०) नाकमे बोलनवाला। इमलो, तम्बाकू और घो खूब बिकता है। प्रत्ये क मङ्गल- गुनगुनाना (हिं. कि०)१ गुम-गुन शब्द काना। वार मवेशियोंके बाजारका दिन है। | २ अस्पष्ट स्वरमें याना। ३ नाकसे बोलना।