पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष षष्ठ भाग.djvu/५३

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

खुदगरज-खनखना खुदगरज (फा० वि०) स्वार्थपर, मतलबी, अपना उलमुलुक पसद खांकी सड़कोसे शादी की । १७०० काम बनानेवाला। ईमें पोरजेवने रहें विदर और बीजापूर-कर्णाह- खुदगरजी (फा. स्त्री०) स्वार्थीपन, अपना मतलच का शासनकर्ता और पढ़ाई हमारी मनसदबारमा देखने की बात। पद प्रदान किया । बादणार मृत्यु समय ये तीन खुदना (हिं. क्रि०) विदीर्ण होना, खुद जामा । हजारो मनसदबार हुये थे । वादगाह मरने पर उनके खुदमुख्तार ( फा. वि. ) स्वतन्च, जो किसीसे दवता सड़कों के विवादमें यह पाजिमणका पक्षासम्बन नो । कर लड़े थे और १७०११ को लड़ाई में पाहत शेखर खुदमुखमारी ( फा. सी० ) स्वातन्त्र, पाजादी, दमरेके पञ्चस्व को प्राप्त किया। दवावमें न रहने की बात। . खुदाबाद-भारत का एक प्राचीन नगर। यह सिन्धुपदेश- खुदरा (हिं. पु.) बुद्र वस्तु. फुटकर चीज। फुटकर के करांची विभागके अन्तर्गत दादू मालुककवीषम है। चौजे वेचगेवाले को 'खुदरा फरोश' कहा जाता है। दादूसे ४ कोस दक्षिण-पथिम पौर सेहवानसे ८ कोस खुदराय ( फा. वि. ) मनचसा, अपमो तबीयतके उत्तर-पूर्व है। पक्षा० २६ ४०० स० और मवाफिन काम करनेवाला। देशा• ६७४६ पू में अवस्थित है। पाजकन यह खुदरायो ( फा? स्त्रो. ) स्वेच्छाचारिता, अपनी मर्जीके नगर श्रीहीन हो गया है । सत्तर वर्ष पहले ता. मुताबिक काम करने की बात । पुरक मोर यहां वास करते थे। उस समय यह समधि- नुदवाना ( हिं० क्रि.) खोदनके काम में दूसरे को शाली था पोर बरतसे मनुष्य रहा करते थे। ससपुर- लगामा, खनन करामा। के मोरोका मकबरा पाज भी इसकी पली बढ़तीका खुदवायो (हिं. स्त्रो.) १ खुदवाने का काम । २ स्त्रोद- परिचय देता है। नेको मजदूगे। खुदिया-पसाय प्रान्तके लाहोर जिले की पुनियां खुदा ( फा० पु. ) परमेश्वर, बार। तहसील का एक नगर । यह पक्षा• ३.५८. पोर खुदाई ( फा. स्त्री. ) १ ऐशभाव, वदाको सिफन। देशा• ७४ १७° पू. में मूलसाम-फिरोजपुर-रोड पर २ मुष्टि, दुनया। पड़ता है। पाबादी लगभग ३४०१ है। मगरके पास खुदाई (वि. स्त्री) १ खोदनका नाम । २ खोदने की ही एकनार बस्ती ।।१८७५ ई० को यहां म्यनि- बात । ३ खोदनेको उजरत । मपालिटी पड़ी । नगरमे एक अस्पताल है। . खुदागच-युसमान्तके शाहजहानपुर जिलेकी सिमर खुदी ( फा० स्त्री०) १ परम्मन्यता, पपनी धुन । २ पभि- मस्सीलका एक मगर । यह पक्षा• २८.८७० पोर माम, शेखो। देशा० ७४४ पू०में अवस्थित है। सोनसंख्या कोई खुहो ( हिं. बी.) १ कणा, किनकी। २ समघट, ६३५६ है। कहते हैं कि १८वीं शताब्दी के मध्यभागको जखके रस के नीचे बैठ जानेवासा मेस।। वहां एक बाजार बनाया गया, यहां १८५०० तक खुनको ( फा• स्त्री०) शीतलता, सरदी। अंगरकों के अधीन पपना नसीसका सदर रहा। खुमखुमा (हिं० पु.) बासकोका एक खिलौना। इसे खुदावन्द (फा• पु.) १ परमेशा । २ पबदाता, मालिक घुनघुना या भुगमा भी करते है। प्राथमें पकड़ पर ३ महाशय, एजर। हिसानेसे यह खुमखुमाने लगता है। छोटेसे दस्तेमें खुदावन्द खान-प्रमोर उल-उमरा शायस्ता खान्के लड़ा, लोडे या किसी दूसरी धातुबा छोटासा पोसा माड़के । यह पपने बापर्क जातिको एक आग मसनद- सडू जोड़ दिया जाता है। उसी में छोटे छोटे कंकड़ वार और बररारक शासनकर्ता थे। १५८.४ १० को या दूमर कड़े दाने भरे राते, बो घुमघुमके किसी अपने पिताके मरमे परमोंने दिली पाकर जमायत पावा देने सगते हैं।