पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष सप्तदश भाग.djvu/४६८

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पानस-मानसनयन irat arma RANET HE . TRAIN Tणार, ६ मा : इस प्रा (गन्ना ) • जप सभी अपग्मे थेठ है। को मिमी RITAB Tn नाग प्रभारपाई, माध्यारिमा, मयांत पसर गुमरे मे शुनि दो फर ३२ परमा भाभिशेयक और साधिनानि कि मायाम होता है, मेशिन माग मा को गियर मदी। यो मेद है, शारीर पर माममा प.सा. पदामिकामधेनोका मन ही मन मा. पायु. पिम मामाको विपरनामे गारीर नया कर सो जप किया मला उमे मागमा पामानिनियन्यन मानम सभा करता है। पर जप सोने, पैठने पारो, in समो माग गगनदे। जिया जा सकता है। in मानस मान प्रकार है- भि परभणी यनan , पानिध्यान मनचिन्सनमा । उनांदगाररस मानमरगः। Amari भिमरेक मि माग ॥" (मिािस) माता तथा ग- परनिनिधान, मन शारा भनिएनिन्ता अगुवा शुभिर गया गान.. भीर मियानियत यही तीन प्रकारकं मानमर्ग है। मान्य कारणो समान AMT . फाम, गोध, लोभ, मोद, गप, गमिमान, मेन्य, पशुगम मार्ग जाने दिशामा" (HI) विरार , गया, माटम धादि मानमरोग अधया। मानमयर ( पु.) प्रकारका र पा युगा। उमाद, भारमार, मो, भग, नमः धौर संन्याम मादि : मानसनी (म० मी. ) मागर्म सोमिय, Amruarnt रोगीको मानमरोग कहते है। सराय। रागादिहिन मन, मिग मन राग (मिक वि० ) १० मार दाग। गादि गमयुगुणदूर हो मा है, नि मग पर पगुन मागम-मामाम-प्रदेश प्रवादित कागदी। यह भूटान की नृसिहोकर जातया मागुण भभिभूत हामी गिरिमाला योगसे निकल पर दक्षिणको मोर पक्षा. गप भाविकी उत्पगि नहीं होगी, या दोन गोग २६१५ गया देगा ६०१४ पाल समापही मानमा कलाताई। पाया गयाफे पाम समपुर गिरती है। पार. , सोनि पमिटाया मोगामि मुनिका पाहा. उस पार महोणे. पूणे किनारे पर ममिल मानणार नागने मानिस काम प भीर मा योगिनोनस इम गदी। म rilitenerमामा " का मार स्ति। गार, यतिमा, गपूर, पनामा, शोभानों और निगममानमा मेगा HAIRafrai मालपोमा नाम यमगोशाला म मा मिनी पर महामाणिaari- जिसमको भाग र तिहगा है। इस नदी " मग सगरमा गई। में सभी समय गाणे भाग जाती है। मानव andiaTER की गनिममा परमानी। मनn yuta ! मागम ( मिमामा, मी पायो hrterfini पा मा ware (लि. मागारनिनिTERRIAL AIR मागीता, imati मनाना REAmarh मानन {म ) ARARE AIR! !मो माRATHI mAharitreet परिका मम ! RimmaNam |