पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष सप्तदश भाग.djvu/४९७

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मापलत-मायरां औषधिके काममें आती है और जड़ सांपके काटनेको। नमो विश्वाय मायाय चिन्त्याचिन्त्याय यै नमः ।।" ओषधि है। यह बीजोंसे उगता है। इसे चौरी और (भारत १३।२४।३११) कहीं भी कहते हैं। - मयस्यापत्यं पुमान् मत्य-अण। २ अमुर । मामलत (अ० स्त्री) १ मामला, व्यवहारकी यात । २ मायक (संपु०) माया करनेवाला, मायावी। विवादास्पद विषय। मायक (हिं० पु०) मायका देखो । मामलति ( अ० स्त्रो०) मामलत देखो । | मायका (हि० पु०) नेहर, पोहर । मामला (हि.पु.) १ व्यापार, काम, धंधा। २पार मायण (स'० पु. ) वेदभाग्यकार सायणाचार्यके पिताका 'स्परिक व्यवहार। जैसे लेन, देन, क्रय विकय इत्यादि।। नाम । ३ व्यावहारिक, व्यापारिक वा विवादास्पद विषय। ४'मायदास-प्रहकौस्तुभके प्रणेता। __ झगड़ा, विवाद। ५ मुकदमा । ६पको या ते को हुई । मायन (हिं० पु० ) १ यह दिन वा तिथि जिसमें मातृका. यांत, कौल करार। ७ सुन्दर स्त्री, युवतो। ८ प्रधान पूजन और पितृ-निमन्त्रण होता है। २ उपयुक्त दिनका विषय, मुख्य वात । संभोग, स्त्री-प्रसङ्ग। । कृत्य, मातृका-पूजन या पितृनिमंत्रण आदि कार्य । मामलदेवी ( स० स्त्री० ) नेपधके रचयिता श्रीहर्षकी मायनी ( १० स्त्री० ) अर्थ, मतलय । माता। मायनी (मैनी)-यम्यईप्रदेशके सतारा जिलान्तर्गत एक मामलपुर-प्राचीन नगरभेद। महाबलिपुर देखो। नगर। यह अक्षा० १७२६ उ० तथा देशा०७४३४ मामा (हिं पु०) माताका भाई, पापका साला। के मध्य अवस्थित है। म्युनिसिपलिटोके अधीन रह मामा (फा० स्त्री०) १ माता, मां। २ रोटी पकानेवाली कर इस नगाको दिनों दिन उन्नति होती जा रही है। खो । ३ धुढी स्त्री, बुढ़िया । ४ नौकरानी, लौंड़ी। मायरा–बङ्गालको हलवाईको एक जाति । इस जातिके मामिड़ी (सपु०) एक प्राचीन अन्धकार । मिठाई बना कर येचना हो इनका जातीय व्यवसाय है। मामिला ( अपु०) मामला देखो। । ये लोग कहीं कहीं मोदक वा कुड़ो भी कहलाते हैं। मामी (हि. स्त्री०) मामाकी स्त्री, मांकी भौजाई। । ढाकाकै मायराम पाटिया और दोपारिया नामक दो थोक 'मामी (स० स्त्री०) आरोपको ध्यान में न लाना, अपने दोप। तथा मध्य बङ्गालके मायरामें रादाश्रम, मयुराधम, अजा. पर ध्यान न देना। श्रम और धर्माश्रम या धर्ममुत नामक चार थोक देखे मामुखी (स. स्त्री०) वौद्धोंके एक देवताका नाम । जाते हैं। मामू (हिं० पु०) माताका भाई, मामा। ___वियाहमें भी दोनों श्रेणीम पृथकता देखी जाती है। मामूल (अ० पु०) १ टेव, लत। २रीति, रवाज, परि-। सगोत्र विवाह निपिद्ध है। विवाहमें विशेषतः ये लोग - पाटी। यह धन जो किसीको रवाज आदिके कारण अपने आचरणादिका हो अनुसरण करते हैं, शास्त्रविहित मिलता हो। नियमोंका कम पालन करते हैं। मामूली (म० घि०) १ नियमित, नियत । २ सामान्य, इन लोगोंके अकसर वालिका-विवाह ही होता है। साधारण। कहो कदी सयानो लड़की प्याही जाती है। समाजमें 'माम्बिका (सखी ) अम्बष्ठा, पाढ़ा। इसका कोई दोष नहीं समझा जाता है। उधश्रेणीके माय (हि. स्त्री०) १ माता, माँ । २ किसी बड़ी या आदरः हिन्दु जैसा सम्पदान और सिन्दूरदान ही वियाहक ‘णीय स्त्रीके लिये सम्बोधनका शम्द । ३ माया देखो।। प्रधान अङ्ग है। (अध्य०) ४ माहि देखो। ये लोग फट्टर हिन्दू हैं। अधिकांश वैष्णव धर्माः माय (स० पु०) मायाऽस्यास्तीति माया अर्शआदि । वलम्बी हैं। हिन्दुके सभी देवताओं के प्रति इनको विशेष स्वाद । १ पीताम्बर। । 'भक्ति है। ये लोग काली, दुर्गा आदि शक्तिपूना भी