पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष सप्तदश भाग.djvu/४९६

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माफुज खां-पापरी . " पर चढ़ .. माफुज खां-कर्णाटकके नवावका एक पुत्र। सन् १७४६ | बरसानेसे छिन्न भिन्न हो पड़ी। उन लोगोंने हट कर पिया ई में व्यापारकी प्रतिद्वन्द्विता ले फर अगरेजों और फासो नगरमें आश्रय लिया और फरासीसियों को दूसरी चढ़ाई सियों में परस्पर विवाद चल रहा था। उस समय फ्रान्स.| होने पर उनके पैर उखड़ गये । माफुज हाथी पर चढ़ वालोंकी शक्ति अंगरेजोंको अपेक्षा बढ़ी चढ़ी थी। भागा । इस प्रकार मुट्ठी भर फरासोसी सेनाने सुशिक्षा सन् १७४६ ई०म फरासोसियोंने मद्रास दखल 'फर और साहसके प्रभावसे बहुसंख्यक नवावकी सेनाको लिया । यह सुनते ही, नशाबने अपने लड़के माफुज खांको परास्त किया। इस युद्धसे लोगोंके मनमें भयका विशेष १०००० सेनाके साथ मद्रास उद्धार करनेके लिये भेजा।। संचार हुआ। इसके पहले कोई यूरोपीय जाति भार• फरासीसियोंने झूठ मूठका वहाना कर चार सप्ताहका | तीय सेनाके साथ युद्धमें जय नहीं प्राप्त कर सकी थी। समय लिया। अन्तमें फरासीसियोंके अध्यक्ष डप्लेने फरासीसो लोग युद्धमें जयो हो कर भविष्यत् भारत- जिस किसी उपायसे मद्रासको रक्षा करनेका संकल्प | साम्राज्यका स्वप्न देखने लगे। किया । तब नवाव की आज्ञा पा माफुज मद्रास पर आक- माम ( स०पु.) १ मातुल, मामा । २ कृपण, कंजूस। मण करनेके लिये आगे बढ़ा। (त्रि.)३ मत्सम्यन्धो, मेरा । ___ माफुजने नगरके सम्मुख भागो मा फर पहले पीनेके माम (हि० पु.) १ ममता, अहंकार । २ शक्ति, अधि- . कार। जलस्रोतको बंद कर दिया । फरासीसी लोग गुप्त रीतिसे आत्मरक्षा करने लगे। अन्तमें माफुज फरासीसी सेना- | मामक (स० वि० ) ममेद अस्मद् ( तबकममकायेकवचने । के चारों ओर मिट्टोको दीवार द्वारा व्यूह बनबाने लगा। पा ४।३।३ ) इति अण, ममकादेशश्च । १ मदीय, जलके सभी मार्गाके बंद होनेसे भारो विपत्ति झेलनो मत्सम्बन्धीय, मेरा। ममतायुक्त। पड़ेगी यह सोच फरासीसी सेनापतिने एक रात चुपके- (पु०) मातुल, मामा। ४ कृपण, फंजूस । से माफुलकी सेना पर प्रबल धेगसे गोला वरसना शुरू मामकीन ( स० नि० ) ममेद अस्मद् ( सयकममकावचने । कर दिया । नवावके सैनिक तोप चलानेमें उतने पा ४३३) इति खम् , ममकादेशश्च । मदीय, मत्सम्ब. अभ्यस्त नहीं थे, इसीलिये ये पीछे हट गये। न्धीय, मेरा। "एतच मे कियत् किं हि न युध्या साधयाम्यहम् । माफुज यहांसे दो फोस पश्चिम पांडीचेरी और ! प्रशानं मामकीनञ्च श्रूयतां वर्णयामि ते ॥" मद्रासके बीचमै छावनी डाल युद्धको प्रतीक्षा करने लगा। (कथासरित्सागर ३२२१४५) मद्रासके फरासीसियोंकी सहायताके लिये पाण्डीचेरीसे सी मातीयता । प्रेम. ७०० सिपाही पाराडिस नामक सेनापतिके अधीन भेजे मुहब्बत।. गये थे। वोच हीमें माफुजने उन लोगोंका रास्ता रोक मामतेय (सपु०) १ ममता पुत्र । “ये पायरोमामतेयं ते रखा। भग्ने" (भृक् ॥१४॥३) 'मामतेयं ममतापुत्र दीर्घतमस' (सायण) मदासके प्रसिद्ध सेनापति डि-इस्प्रिमेनिल पारासिस्। २ ममतासम्बन्धीय।. के मानेको खबर पा दूसरी मोरसे माफुज पर चढ़ाई | मामन्द-अफगान जातिकी एक शाखा। करनेकी चेष्टा करने लगा। आदिया नदीफे किनारे सेएट मामरी (हिं० स्त्री०) एक प्रकारका पेड़। यह हिमालय. थोमिके पास माफुज और पाराडिस्की पहली भेट हुई 1 को तराईमें राधी नदीसे पूर्वकी ओर. तथा मद्रास और माफुजने तोप, घुड़सवार पैदल सैनिक आदि १०००० मध्यभारतमें होता है। इसको लकड़ी बहुत मजबूत और दश हजार सेना ले पाराडिसके मद्रास आनेका रास्ता | चिकनी होती है जिस पर रोगन करनेसे बहुत अच्छी रोक दिया। सेएट थोमिके पास धमसान युद्ध हुआ।| चमक आती है । इसको लकड़ीसे मेज, कुसी, मालमारी माफुजको सेना योग्य संचालकके विना शओंके गोला । आदि मारायशी चीजे बनाई जाती हैं। इसको छाल .