पृष्ठ:हिन्दी विश्वकोष सप्तदश भाग.djvu/९

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मलङ्ग-पलनी अनमें मिलाने पर इसको मिलावट बहुत कम पहनानो । कहलाता है। मेगास्थनिजने इसे Malindai शम्नमें जाती है। .. । उल्लेख किया था। कहते हैं, कि ताड़का यहों पर रहती मलर--सुन्दरवनवासी नमक बनानेवाली पफ जाति। थी। इसे मलममि भी कहते हैं। उस देशके रहनेवाले समुद्रतीरवत्तों मुन्दरवनकी जमीन साधारणतः दो भागों मनुष्य । (स्त्री०) ३ रुद्रायकी कन्या । इसका दूसरा नाम में विभक है,--मधुर अर्थात् जोतने लायक जमीन और मलन्दा भी था। लवणयुक्त अर्थात् सारी जमीन | सारी जमीनमें जव मादग्धाङ्ग (सं० वि०) मलेन दिग्ध' ' यस्य । मल- समुद्रका जल आ कर चला जाता है, तब ये लोग ऊपरको युक्त दह । • मट्टोको संग्रह कर उससे नमक तैयार करते हैं। कात्तिकसे मलर्पित (सं० वि० ) मलेन दूषिन । मलिन, मैला ।' . पैशाख मास तक नमकका कारवार चलता है। पोछे थेमलद्राविन् (सपु०) मल विष्ठां द्रावति चालयतीति .लोग खेतीमें लग जाते हैं। जो जैसा परिश्रम करता। दु:णिच् णिनि । जयपाल, जमालगोटा। • उसे पैसाही येतन भी मिलता है। इन्हें अपनी अपनी मलढायो (मपु० ) मद्राचिन देखो। जमीनका थोड़ा कर देना पड़ता है। मलद्वार (संपु०)शरीरकी घेइन्द्रियां जिनसे मल निकलते हैं।२पासानेका स्थान, गुदा। मलडी (स० स्त्री० ) एक प्रकारको मछली। मलन (सं० पु०) मलं हन्तीति हन-टक १ शाल्मली कंद. मलधातु ( स० पु.) शरीरका वाधारहित भाय । मलधालो ( स० स्रो०) यह धाय जो वर्णका मल-मूत्र

सेमलका मुसला। २ कचनारका एक भेद, मलघन ।।

| धोने पर नियुक्त हो। (त्रि.)-३मलनाशका मलनो (स स्त्री०) मलन स्त्रियां डोप । नागदमनी, मलधारिम् ( स० पु०) एक प्रकारके जैन-साधु जो शरीर- ' नागदौना। . में मल लगाए रहते हैं। ये मलको धोते और शुम नहीं करते। मलज (सी०) मलाजायते इति जन-1 १ पूध, मलधारिनर चन्द्रसूरि-एक जैनकवि। पोच । (त्रि.)२मलोय, मलसे उत्पन्न । ।। मलधारि नरेन्द्रसूरि-जैन सरिभेद । मापको गिनती तोप मलज्वर (संपु०) अमृत सागरके अनुसार एक प्रकार कविमें थी। ..का ज्वर जो. मलके कनेके कारण होता है। इससे मलधारो (म० पु० ) मनधारिन देखो। + रोगोके पेट में शूल और मिरमें दर्द होता है, मुह सूखा मलन ( समो०) मन्यते मद्यन्ते इति मल ल्युट । १ रहता है, जलन होती है, नम होता है और कभी को। महन, मोजना। २ पोतना, लगाना। मलते धारयति 'मूच्छ भी जाती है। . . . . . गृष्टितापी मल घृती व्य ।३ परयास, त। मलझन (.हिं० पु०) एक प्रकारको बेल जो धागोमें लगाई मलना (वि० क्रि०) १ हाथ अथवा फिमी और पास - जाती है। . :: .. किमी तल पर उसे माफ, मुलायम या अच्छा करनेके मलर ( पु.) १ लकड़ीका होंडा जिमसे सूटे लिये रगड़ना। २ मरोडना, ऐंठना। ३ किसी तरल आदि गाड़े जाने हैं । २ काठका वह हथौडा जिमसे पक्षयं या चूर्ण आदिको किमी तल पर रण कर हाथ- • छापने पहले सीसेके अक्षर ठोंक कर बैठाए और यरा में रगड़ना, मालिश करना। ४ हाथमे बार बार रगहना पर किये जाते हैं। . . . . | या दवाना । ५ किसी पदार्थको टुकड़े टुकड़े या पूर्ण मलत्य (मो ) मलस्य भायः तल टाप । मलता, मल करनेके लिये हाधस रगहना या याना, मोजना। .. - का भाय या धर्म । । । । मलनी (हिं० स्त्री०) कतजनके प्राकारका यांसका एक मलद (स.पु.) वाल्मीकीय रामायणके अनुसार एक टुकड़ा। यह आट दस अंगुल लम्या, दो अंगुल नौट! .. प्रदेशका नाम । यह कालिन्दो और महानन्दाको संगम सुटील और निकना होता है। इसमें मल कर कुहार पर अवस्थित है। आज कल यह मालदा या मालदह | सुरादियां आदि चिकनी करने । ol. XVII. 2