पृष्ठ:हिन्दुस्थान के इतिहास की सरल कहानियां.pdf/१३६

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का बादशाह"। उस ने बड़े शहर बसाये और भारत में सब से सुन्दर महल मकबरे और मसजिदें बनवाई।

२-सिंहासन पर बैठते ही उस ने

अपने सब भाइयों और उन की अनाथ सन्तान को बड़ी निठुराई से मरवा डाला जिस में कोई राज का दावादार न रह जाय। पहिले तो उस ने ऐसी निठुराई की पर पीछे अपने राज्य का प्रबन्ध बहुत अच्छा किया और जहाँगार से बहुत बढ़कर निकला। वह न जहाँगीर ऐसा आलसी न उतना शराबी था।

३-शाहजहाँ का व्याह

मुमताज़ महल नाम की एक ईरानो महिला के साथ हुआ था यह नूरजहाँ की भतीजी थी मुमताज महल अपने पति से बड़ा प्रेम रखती थी। बौदह बरस के सुहाग के पीछे वह बहुत बीमार हो गई जब उसकी मृत्यु का समय मुमताज़ महल। आया तो अपने पति से बोली कि तुम और व्याह न करना