पृष्ठ:हिन्दुस्थान के इतिहास की सरल कहानियां.pdf/२१०

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( २०२ ) उन दिनों राज करते थे जब बाज़नी में सुलतान महमूद था, हजार बरस से हेस्टिङ्गस् के पुरखों की जमीन्दारी थी। पर जिन दिनों हेस्टिङ्गस् पैदा हुआ उस के कुल के बुरे दिन आ चुके थे। उस के बाबा की अपनी सब जमीन ऋण चुकाने के लिये लण्डन के एक व्यापारी के हाथ बेचनी पड़ी थी। ३---जब हेस्टिङ्गस् सात ही बरस का लड़का था वह गाँव की नदी के किनारे जाया करता और वहाँ पड़ा रहता। एक दिन साँझ को उसने मन में बिचारा कि जब मैं बड़ा हो जाऊगा तो अपने पुरखों की ज़मीन को फिर मोल ले लूंगा। यह बचपन का विचार उसको कभी न भूला। -हेस्टिस का बाप बहुत गरीब था। उस के एक चाचा ने उस को अपने पास बुला कर लडन के बेस्ट मिनीस्टर स्कूल में भरती कर दिया। यह इलैण्ड के प्रसिद्ध स्कूल में गिना जाता है और यहां के पढे हुए बहुत से लड़के बड़े बड़े आदमी हो गये हैं। लड़कपन में क्लाइव और उस की आदत में बड़ा भेद था! वह बड़ा चतुर था और पढ़ने में बहुत जो लगाता था। उसके सब गुरु उसे भानते थे। वह अब सोलह बरस का हुआ तो उसके एक और चाचा ने जो उस समय उसका रक्षक और ईस्ट इण्डिया कम्पनी का डाइरेकर भी था उस को हिन्दुस्तान में किरानी बना कर भेजना चाहा। उस स्कूल के हेड मास्टर ने कहा