पृष्ठ:हिन्दुस्थान के इतिहास की सरल कहानियां.pdf/६६

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३---अफ़गानी लोग पठान भी कहलाते थे क्योंकि उनका एक फिरका अफगानिस्तान के पठान प्रान्त से आया था और वह लोग पखतो या पश्तो भाषा बोलते थे। यह सक्ष मुसलमान थे, क्रूर और लड़ाके, हिन्दुओं से डील डौल में बड़े और बलवान थे और हिन्दुओं पर बड़ी लड़ाई के साथ शासन करते थे। ४-१२०६ ई० से १५२६ ई० तक २६ बादशाह हुए जिनमें कुतुबुद्दीन सब से पहिला था। यह बादशाह पांच मिन भिन्न जाति के थे। पांचों अरब तुर्क और पठान थे। इनकी कभी कभी लोग अफगानी कहते हैं क्योंकि यह लोग या तो अफगानिस्तान से आये थे या अफगानिस्तान हो कर मध्य एशिया से। कुतुब भी लड़कपन में एक दास था। इस कारण उसके वंश के लोग जो पीछे बादशाह हुए वासवंशी कहलाते हैं। कुतुब ने दिल्ली के पास २५० फुट ऊँचा एक मीनार बनवाया जिसका नाम कुतुब मीनार है। यह संसार के सबसे ऊंचे मीनारों में गिना जाता है। इसको बने ७००० बरस हुए पर यह अब भी वैसा ही खड़ा है। ५-उत्तर-भारत के राजपूत बिना लड़े मुसलमानों के अधीन न हुए। कई बार धोर युद्ध हुआ और हजारों आदमी मारे गये और बहुत सा देश उजाड़ हो गया। जिसके पास रुपया पैसा गहना होता था वह उसे गड़हा खोद कर गाड़ देता था कि कहीं अफ़गान उससे छीन न लें। राऔर