पृष्ठ:हिन्दुस्थान के इतिहास की सरल कहानियां.pdf/६८

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पश्चिम जाकर बस गये। यहाँ इन लोगों ने बहुत से गढ़ पानवाये। यह देश तब से राजपूताना कहलाता है। हम आगे पढ़ेंगे कि इनमें बहुत से राजपूत गोत्रों को मोगल बादशाह भी परास्त न कर सके, उनके माधोन रह कर राजपूत राजा लोग अपने राज शासन करते रहे जैसा कि यह श्रीमान राजराजेश्वर जार्ज पञ्चम को अपना सम्राट् मान र आज भी कर रहे हैं। १७-सुल्तान रजिया की कहानी। १-सुस्तान मुसलमान बादशाह को कहते हैं। पर यह प्रसिद्ध बीबी भी सुल्तान कहलाती थी। यही एक स्त्री दिल्ली के सिंहासन पर बैठी थी, दूसरी स्त्री को यह सौभाग्य प्राप्त न हुआ। उसके सिक्कों पर उसका पूरा नाम यों लिखा है "मुलतान आजम् संसार और दीन की शोभा" । २-रजिया दिल्ली के गुलाम बादशाह अलतमश की बेटी थी। अलतमश एक बड़े तुर्की सरदार का लड़का था। अब वह बहुत छोटा था तो उसके भाइयों ने जो उस से बैर रखते थे एक दिन शिकार खेलते उसको पकड़ लिया और दास के व्यापारियों के हाथ उसको बेंच दिया। अलतमश बढ़ते बढ़ते ऐसा वीर और ऐसा चतुर हो गया कि कुतुबुद्दीन ने उसे पचास हजार रुपये में मोल ले लिया। कुतुबुद्दीन अपना बेटा करके पाला। दिन दिन उसका आदर भाद