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हीराबाई



भेजा कि,-"तुम अपनी तैयारी करो, आज आधी रात के समय कमलादेवी का डोला चुपचाप तुम्हारे पास भेज दिया जायगा।


सातवां परिच्छेद।

परिचय।

"मदर्थे यत्कृतं राजन् तन्मया नैव विस्मृतम्।
त्वदर्थे सम्प्रदास्यामीदानीं प्राणानिमानहम्॥

(महाभारते)

यह हीराबाई कौन थी, जिसने कमलादेवी की सारी बला अपने ऊपर लेली? सुनिए, कहते हैं,-

यह बात हम पहिले लिख आए हैं कि अ़लाउद्दीन ने तख़्त पर बैठते ही [सन १२९७ ईस्वी] गुजरात को फ़तह कर उसे अपनी सल्तनत में मिलालिया था। उसी लड़ाई में अ़लाउद्दीन का एक फ़ौजी अफ़सर हसनख़ां मारा गया था, जिसकी बीबी लड़ाई के वक्त उसके साथ थी और अपने प्यारे शौहर के मारे जाने से दुखी हो, वह अपनी पांच-चार बरस की लड़की को गोद में ले एक जंगल में चली गई थी। जिस दिन वह एक पेड़ में फांसी लगा और अपने गले में अपनी लड़की के गले को भी बांध कर जान देने की फ़िक में लगीहुई थी। उस दिन