पृष्ठ:हृदय की परख.djvu/६५

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आठवाँ परिच्छेद

कर रही थीं न, इसी से उनका ध्यान बना रहा होगा। मैंने ही तुझे प्यार किया है।" यह कहकर शारदा ने सरला की साड़ी ठीक कर दी। सरला फिर शारदा की गोद में झुक गई। शारदा बोलीं―"चलो, अब सो रहें।"