पृष्ठ:२१ बनाम ३०.djvu/१३३

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। बातों का किसी ने जिक्र तक नहीं किया । केन्द्रीय शक्तियों । ब्रिटेन को ही। यदि हम लोग लेसटाउन की शर्तों पर हीसगि प्रजातन्त्र की मदद स्थापना दो गयी उन्होंने कहा कि "मर्म (' १२२ ) पर कैदी अभी जेल में ही है और सच्ची बात सुन रही है। आश्चर्य की धात है कि सभी बातों की जानकारी होने में तीम सौ वर्ष लग जाते है। पर सत्य का भूत तो भाज सिस पर चढ़ कर घोक्ष रहा है। जितनी जल्दी लोग कर देते हैं। उतमी जल्दी यदि करने लग जाये तो शीघ्र ही हम लोग इस और अमेरिका दोनों ही में आश्चर्य जनक परिवर्तन देखेंगे। पर क्या इस स सार व्यापो युद्ध अमित परिवर्तनों से स'सार मुखी होगा ? मुझे तो इसमें सन्देह है। एक साम्यवादी हैसियत से साम्राज्यों के पतन का मैं स्वागत करता हूँ, म इसे भी स्वीकार करता हूँ फि, भाजका जीवन १६१४ जीवन से कही दुसफर हो रहा है। साउन मे ठीक ही का था। यह उस समय को जानता था जब हम स सार की तरामी का अन्त कर सकते। पर उनके मरने के बाद उमर्क माश से म तो स सार को ही कुछ नाम हो सका और न प्रेट कर लिये होते तो हम मी असीम शक्तिशाली हो गये होते लाई सिसल के उद्योग तो सभ्यता एवं गिर के विषय भीषण अपराध थे। यह पूछने पर कि क्या आप समझते हैं कि जर्म