पृष्ठ:२१ बनाम ३०.djvu/१५९

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(38) स्थलों में अंग्रेज ही बीते पर भारत में जीत कर उन्होंने साम्राज्य ही स्थापित कर दिया। इस तरह यास्तव में अंग्रेजी सामाज्यपाद आर्थिक स्यायों से परिपूर्ण है। अंग्रेजी मे समुद्र तट पर अपनी वस्तियाँ धनाने, उनकी देशी शक्तियाँ और पुरुषों से सुरक्षित होने पर अंप्रेम मीसर देश मे घुसे। मरहटा और मेसूर जैसे नये राज्यों में अंग्रेजों के व्यापार यो अस्वीकार कर दिया। फलतः जैसे पना अंग्रेज उन पर सेमा ले दौड़े और उनके व्यापारिक स्थान मष्ट कर दिये और उन प्रदेशों का अपने सामानों से भर दिया । और मास मे जब कार. प्रतापी मुगल, मुलतान, पेशवा या नयाव महाराज मया तो सम्हों ने राज्य व्यवस्था को उलट दिया और सब कार दूर कर व्यापार करने लगे। ईस्ट इम्सिया कम्पमो रानो एलिजावेथ के शासन कार के अन्त में प्रार्मेडा की हार के १२ वर्ष वाद पनी । वा व्यापार के लिये स्थापित हुई और १४ घर्ष तफ व्यापा करती रही । दक्षिण के उपद्रयों के बाद धीरे २ उसने शासन ओर युर के काम मी हाय मे लिये। उसके बाद ११० तक जव ५७ का विद्रोह हुआ उसका अस्तित्व बना हो। १८८५ मे पालिमेट के एफ्ट द्वारा ससका अन्त हुआ । कि यह नियम था कि पासिमेन्ट चार्टर निश्चित समय पर बदलते 1 प 1