पृष्ठ:२१ बनाम ३०.djvu/१६९

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{ 1 1 ( १५६) करेंगे। अफोम गाँजा और दूसरे मादक द्रव्यों के एकाधिकार से भी सरकार को बहुत प्रामदमी है। अगलो और मानों के '. काम से बहुत कुछ आमदनो बदने को प्राशा है । रेनों का विस्तार भी दिन पर दिम बढ़ रहा है। और उससे सरकार को याहुत अधिक फायदा हो रहा है। भारतीय रेलों पर लगभग 40 करो रुपया खर्चा हो चुका है। तमाम रनों की लम्बाई का ६० फीसदी, सरकार का कब्जा है। इस वक्त रेलों की श्रामदमी १२ करोड़ रुपया साल है। ओ खर्चा निकालने के बाद में है। नहरों से सरकार को बहुत बड़ी श्राय है। नहरों पर : ५० करोड रुपया खर्च हो चुका है। और इस वक्त मार को शुद्ध प्रामवनी सर्वा मिकालपर क्या रुपये से अधिक है। सामुद्रिक चुंगी के सम्बन्ध में यदि ब्रिटिश 'गईमेण्ट विदेशी माल पेचने वालों का पक्षपात न करे तो बहुत अधिक पढ़ाई जा सकती है। परन्तु जब २ सरकार ने ऐसा किया जेष्ट में मर्यफर शोर मच गया। परम्सु नमक जैसे गरीबों के इस्तेमाल की चीज पर लगभग उसकी कीमत से अधिक टैक्स लगाया गया है। और इससे सरकार को प्रतिवर्ष ११ करोड़ रुपये की प्राय है इनकमटेक्स और सुपर टेक्स इन दोनों से जो प्राय सरकार को होती है। यह अवाज से सरकार की फज भाप का जगमग वृतीय श्रय है। इस प्रकार सरकार । को भारत वर्ष से प्रति वर्ष अरब के करीब प्राय है।