पृष्ठ:२१ बनाम ३०.djvu/१८९

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यह सब शिल्प और व्यापार क्या हुमास सत्याना लगाये गये और भारतीय वस्त्र पहनने वालो को करार उपायों का अवलम्बन किया गया। परिणाम क्पा मार 'लिवरपूल और मैचेस्टर को मिल खुलने से पहले मारठा 'फे देव-देवियों द्वारा बनी मलमल अथवा वस्त्रों से शरीर अलकत करके श्रहोमाग्य मानते थे। रोम के बादशाह भारत सीजर के जमाने में गेम की रामियों को दाके की मतमत। मागे कुछ माता न था। पतन के समय में सकर टेक राके में ऐसा धारीक पत देखा था जो लम्बाई में १४ था, पर तौल में फेया २२ प्रेन था। इस हिसाब से १ पी। रुई में २५० मोल लम्मा सूत भाज फल के हिसाब म १२ नम्बर का होता है । यह सूत बिना मशीन के मास्त्रो सो साघे सकुय वाले लकही से चरणों के ही बनाया आवारा कापण अत्याचार-परि पूर्ण है। इग्लैएट पर बड़े बड़े देने के लिये कानुन बनाये गये। राज-दर में भारत में पहन कर आने को सरूत मुमानियत कर दी गई। इस भारत की रक्षा के बहाने आकर अंगरेजों ने भारत के हि का हत्या की। बंगाल के जुबाहों पर इस अत्याधार हुआ कि वे अपने अंगूठे काट कर देहाती बस गये। इस कला को नष्ट करने में युक और अबसो अवसर और लिवर या सरकारने 1 3