पृष्ठ:२१ बनाम ३०.djvu/१९७

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1 1 ( १८२ ) जंगली आदमियों से अपनी रक्षा करने के लिये उनके पास शस्त्र न होने से उन्हें पड़े कप्ठ उठाने परते हैं। न्याय और शासन-विभागों के एक होने के कारण प्राया न्याय पाना दुर्लभ होता है । और सदा बहुत अधिक समय और धन की भाषश्यकता हुश्रा करती है। गांवों के सरकारी कर्मचाये प्रामवासियों के बदले स्यभाषता-तहसीलदारों तथा कलक्ट को प्रसन्न करमे का प्रयत्न किया करते है। क्योंकि वे प्रामवा सियों के सामने किसी तरह उत्तरदाता महीं है। दो पक्षों में कजह बढ़ता है, क्योंकि उन दोनों को एक तीसरे व्यक्ति की शरण लेनी पड़ती है । वह यदि उच्च पद पर है तो उस की । ठफुर-मुहाती करके और यदि निम्न पयस्थ है ती चूंस देकर खातिर की जा सकती है। और दोनों अवस्थाओं में हाय जोड़ने, दीन बचन कहने सया उस की प्रशंसा से कृपा प्राप्त की जा सकती है। समी समृर देयतों में कृषि के साय ही. शिल्पकला का भी स्थान है और एक को दूसरी से परस्पर सहायता मिश- सकती है। मायर्लएर की अत्यन्त दरिद्रता, त्या बाहर शा वसमे के कारण प्राधे से अधिक सस की जनता का हास, बेट मिटेन द्वारा उसके मनी व्यापार के नाश तथा उस के फल- स्वरूप फेवन खेती पर उसके अवलम्बन के प्रत्यक्ष परिणाम थे। वैसे ही कारण से, ऐसा ही परससे बहुत पहार