पृष्ठ:२१ बनाम ३०.djvu/२६७

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( 745 ) 1 मदाम करदी गई। यहाँ शिक्षा प्रचार मी खूब हुआ। इसका फन यह हुआ है कि फिलिपाइन्स द्वीप बासी खूब उन्नत हो रहे हैं। अब तुर्क को पात लोजिये । १८ धीं शताधि के दूसरे चरण मे तुर्की का आस्ट्रिया और रूस से युद्ध हुमा । जिसमें प्रास्ट्रिया मे तुर्की को हंगरी से निकाल दिया और उसने उनका बहुत सा प्रदेश दीन लिया। तुर्फ बहुत कमजोर पड़ गये थे और कई पोयेपियन शक्तियां मिल कर उसे हजम करना चाहती थी-पर उममे मेल न था। जिसकी बदौलत सुर्की का १-धीं शताठि में सर्वनाश होने से बच गया। पर गत महा युद्ध के समय तुर्फ को वोट खाने का समझौता महाशक्तियों मे गुप्तरूप से कर लिया था। इस बंट पारे से तुर्की प्रजा के हित और इच्छा का कुछ भी ख्याल न था। योरोप की इस पाप चेष्टा से तुर्क साम्राज्य को घटी कठि- नाइयों का सामना करना पड़ा-उभीसीं शताधि मे तुई साम्राज्य को नएिसत कर दिया गया। दो युरो मे रुस मे तुर्क से कृष्णासागर के पूर्व का बहुत सा प्रदेश ले लिया। घर यूनान सरषिया, माम्टीनिगरो, रुमानिया, और मलगेरिया अपने उद्योगों से स्वतन्त्र हो गये। भोर विवश तुर्की को योरोप से निकल जाना पड़ा । पर महायुर ने तो यह विकट परि स्थिति का स्मनी की कि जिसे यूरोप गत १०० वर्ष से रोक रखना चाह रहा था। 1 1