पृष्ठ:२१ बनाम ३०.djvu/२६८

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( RUE) अन्त में आँस्न खुलने से प्रथम ही तुर्फ साम्राज्य का नाश होगया। और १E01 में तुर्क में प्रबल राज्य क्रान्ति उपस्थित होगई । अब्दुल हमीद को ज्युस किया गया और तरुण तुर्फ दखने मध्य सुर्फ राष्ट्र की अवधारणा की। उन्होंने नई पालि- मेन्ट में युवकों को ही भरा। अभिकार मो सम्हीं को दिये। नियमित कर पर्ष अनिवार्य सनिक सेवा का नियम बनाया। महायुद्ध में तुर्क को तरस्य बनाये रखने के लिये अंग्रेजी में पहुत घेटा को, तुर्फ, में स्थाघोमता क पाय जाप्रत होगये थे। तुर्क मे लिखा था: -आप लोग यदि हमें तटस्थ रखना चाहते है तो पह निश्चित कर दीजिये कि आप लोगों को हमारे राज्य में कोई विशेष अधिकार प्राप्त म होंगे। अंग्रेज हम हमारे दोनों अहाज दे देगें और हमारे प्रान्तरिक प्रवान में भागे कोई हस्ताक्षेप म किया जायगा:- पर ज्यों ही तुर्क महायुर में शरीक हुमा-युपेपोष युब संसार म्यापी युर होगया । जर्ममी तरुण तुर्को की गसि विभि को पेमकर समझ गया था कि वह सटस्य ह महीं सकेगा। बहो मा । अर्ममी यह भी चाहता था कि युद्ध का दारमदार तुर्क पर ही रहे। उसी की हार जीत से सभी की हार जीत है। होने युद्ध सामग्री और रुपयों की तुर्क पर वर्षा कर दी। इस घटना सेरासियों के लिए दक्षिणा मार्ग बन्द हो गया था,