पृष्ठ:२१ बनाम ३०.djvu/२७२

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। २६३ । पजनैतिक और आर्थिक दृष्टि से जापान को अधिकार हो सकता था। ये सब टापू और और यूरोपियन शक्तियों के उप निवश बन चुके हैं। १९ वीं शतादि के प्रारम्भ में उस मे बड़ा ही कठिनता से आस पास के कुछ टापुओं पर अधि- कार प्राप्त किया । फिर चीन से लड़कर फारमोसी और रूस से 'लाहर सेधेलियन फा दक्षिणार्य ले लिया। फिर जब उसने कोरिया पर अधिकार कर लिया, तब मानो यह जापाम ओर मचरिया के बीच के समुद्र का मालिक बन गया। इस के बाद महायुद्ध में उस ने जर्मनी से मरियाना, मार्शल कायेलिन और पेस्य टापू भी ले लिये । इस के बाद शान्ति समा में प्रेट ब्रिटेन के समझौते के अनुसार भूमध्यरेमा से उत्तर के सब जर्मन रापू आपान को मिल गये। कोरिया प्रायद्धीप आपान सागर और पीस सागर के बीच जापान की ओर मिफला हुआ है । राजनीतियों का कहना है कि कोरिया जापान के कलेजे पर तमो दुई कटार है। यदि यह किसी योरोपियम शक्ति के हाथ में आय तो यह मापान के लिये उसना ही मपानक जितना प्रेट ब्रिटेन के जिये बेलजियम का नमी के हाथ में जाना । पदि कोरिया में पोरोपियन शक्ति हो वो वह जापान को पीन से विक्कुल प्रथक रखकर चीन के उत्तरी भाग पर सहम में अधिकार कर