पृष्ठ:२१ बनाम ३०.djvu/२८४

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

( २७३ ) तथापि हमारे सुपारी के तो उहोंने मुक कंठ से गुणगान 3 पार्याश्य मोर पाश्चिमात्य सुधारों को हम लोग जष उसमा पग्ने लग जाते है सर फोनसो मम्मृति म्याय प्रार सदरता का अधिक पुरस्कार करती हुई हम लोगों को देख पड़ती है। कौनसी संस्कृति मानय प्रागी के लिए और मसार के लिये विशेष उपफारक ! ५०० से लेफर २००० वर्ष पहले के फाल में सीन संसार में एक अत्यन्य प्रभाष शालो पर था। चीन का दर्मा यर्तमान और और अमेरिका के पिबर का था । माल इम्लष्ट और अमेरिका को संसार के भाष शाली राष्ट्रों में के दो राष्ट्र माने जाते हैं। परंतु चीन एकमेरमेया द्वितीयम् " ऐसा राष्ट्र रस समय था।ल मय चीन निर्यत घ कमजोर राष्ट्रों के साथ किस प्रकार भाया और मिर्वन राष्ट्र उस के साथ किस प्रकार पेश ये, यह देखने योग्य है । उस समय के निर्वल राष्ट्र धीम को मामते थे, कर मार भी देते थे, और पाप के अभिपज्य हमें शामिल कर लिया जाय, ऐसी उस से प्रार्थमाएं किपा वे थे। ये थीम को फरमार देने में अपमा सम्मान समझते मोर न देने में अपमान ! घे राष्ट्र केवम एशिया में हो धे पर पायेप में मी । पुश्त दर पुश्त राष्ट्र बीमका मिस्व मानते थे।