पृष्ठ:२१ बनाम ३०.djvu/२९१

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साय और ( २७६ ) इमारत खडो को जा सकेगी, इस का विचार करना चाहिय। हमारी संस्कृति में म्याय, परोपकार और पुण्य इन गुसों की जो विशेषता थी, उन्हीं गुणों की नींव पर एकता की इमारत उठाना सदगुणों का अधिष्ठान मेकर फिर योरोपियन शास्त्र की सहायता से हम लोगों को हमारे उद्योग व्यवसाय और युद्ध की सामग्री वृविंगत करना चाहिये । इस उद्योग व्यव युद्ध के साधनों के साथ, पामात्यों की अन्यान्य यष्ट्रों को हराने की वृत्ति का, हम लोगों को अनुकरण नहीं करना चाहिये । प्रात्म रक्षा के जितमाही हमें उनका अनुकरम्प करना चाहिये। माप्मन ने सेना और संस्कृति की द्रष्टि से पाघिमात्यों का बहुत कुछ अनुकरण दिया है । आपाम को सेमा अथवा मौसेना की सिद्धि के लिये युरोप पर मिर्मर महीं रहना परता। इसी से झापान पूरा २ स्वतंत्र है, ऐसा कहने में कोई बाधा नहीं। में दूसरा एक ऐशिया का देश गत विश्वव्यापी महायु मध्यवर्ती सत्ता की ओर से शामिल हुआ था। वह देश हार गया। बाद में उसने युरोपियनों को मदे दिया और श्रम पद पूर्णतया स्वतम हो गया है वह देश तुर्कस्थान है ! तुर्कस्थान और जापान, यह दोनों देश, एक संरक्षक दिवाल को और पर एशिमा के दोनों ओर खड़े हैं। ईरान, अफगानिस्थान