पृष्ठ:२१ बनाम ३०.djvu/८७

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(us) 1 है कि-"यह अपनी स्वतन्त्रता का निर्माण सोशालिष्ट भाषर पर करे। इसके सिया - हवशी अधिकार रक्षणी सभा पैरिस, अन्सांतीय राजनेतिक बन्दी समिति, काबुल,जापान-कांग्रेस कमेटी, ब्रिटिश इपिण्या ऐसोसियेशन जोम्सवर्ग', अमेरिका कांग्रेस कमेटो न्यूयार्क को मारतीय राष्ट्र समिति, केपटाउन के साउथ अफ्रीकन भारतीय सघ, सीलोन के युवक परिपडू मिटिश मजूर नेताओ, साग्य अफ्रीकम मारतीय समिति, और ईस्ट अफरीकम भारतीय कांग्रेस के सहानुभूति के सन्देश आये है। बाबू शिवप्रसाद गुप्त ने जेनेषा से.तथा शैलेन्द्र घोष ने न्यूयार्क से सन्देश भेजे है, गजा महेन्द्र प्रताप का भी सन्देश प्राप्त हुआ है। मार्के की बात यह थी कि परमात्र में अब शैलेन्द्र घोप और राजा महेन्द्र प्रताप के माम लिये गये सब पगडात तालियों की प्रधएर पगड़ाहट से गूज गया। सार्वराष्ट्रीय ख्याति लाम किये हुए, दीम पुसियों का पक्ष फरने वाले मि० एच० एम० नक्सफोर्ड अपने "न्यूलीटर" पत्र में किसते है कि, "कांग्रेस की नीति खूब समझ में आती है, पापि 12