पृष्ठ:२१ बनाम ३०.djvu/९७

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+ 1 6 पजाब सरकार . (६) हम भारत के लिये क्रमशः प्रोपनियोशिक स्वराज्य कल्पना कर सकते हैं परन्तु पूर्ण स्वतन्त्रता का लक्ष्य तो गैर अमली ही नहीं कलपमा तीत है। मामि ग पोस्ट में कहा है-कि जिस शकि ने पिछली दिसम्बर को वायसराय के स्पेशल के नीचे बम फका है, वही कांग्रेस के इस प्रस्ताय की पीठ पर थी। सरकार ने कांग्रेस का यह विद्रोहा अधिवेशन होने की आशा कैसे दी। पंजाब सरकार ने काँग्रेस के लिये जमीन दी और उस की रक्षा के लिये एक लाख रुपया खर्च किया यहां तक ही आत्म समर्पण नहीं किया परन सच पूछो तो उस मे लठ मन्द बटमाशों को जिन्होंने प्रजा पर माठियां घलाई अपमा रक्षक बनाने की मामा कांग्रेस को लेकर अपने अधिकार को त्याग दिया। "सएटे टाईमस' ने लिखा-कि "हर एक आदमी इस बात को मानेगा कि स्वराजिस्ट लोग शकी शालो हो गये हैं, और सरकार से अनुरोध करेंगे कि यह गरम दल वालों के साथ बिना रोक टाक और बिना अधिक सोचे विचारे शळि का भ्योहार करे। 7,1374; si - टेलीमेलने लाइरविन और मिश्रावविन को बताते पुणे उन्हें मुद्री भरै' गरम दसवालों से दखजाने का दोष दिया ť 1 1 .