पृष्ठ:२१ बनाम ३०.djvu/९६

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

1 7 सकती है या नहीं। और जनता कांग्रेस का कहाँ तक साप देगी। ब्रिटेन ने हिन्दुस्ताम के लिये या हिम्स्ताम के नाम पर खो कुछ कर्ज-वज ले रखा है उसकी प्रदाई फाफ्या उपाय होगा। और शान्ति के साथ हिन्दुस्याम को माली कर देने के लिये अब कितना समय लेना चाहिये। कैमागको रामधामी में व्याख्यान देते हुए दक्षिण अफ्रीका के अमरस स्मदस में कहा कि ब्रिटिश साम्राज्य ने सब उपनिषेशों को पूर्ण औपनिवेशिक स्वराज्य मान लिया इस से प्रायनंपर की "स्वापोनता" का प्रश्न हल हो गया, इसी तरह हिन्दुस्ताम के मामले में हमें करमा पह होगा कि जहां हिन्दुस्तान अधीर हो उठे षहाँ दम धैर्य से काम ले और इस सह पूर्ण प्रोपनिवेशिक स्वराज्य का सिद्धान्त घटाकर अन्त में सुसद समझौता सिर करें। यह खबर है कि मास-सचिष मि०पेजपुरयेम साइमन- कमोशन की रिपोर्ट प्रकाशित होते हो तुरन्त । हिन्दुस्तान में पायेगे। 'रेलोएक्सप्रेस का कहना है कि भारतीय अधिकारियों को कड़ाई को मीसि भवतियार फरनी चाहिये । कड़ाई ही भारत को उससे रखा सकती है जो मामुक मौके पर सम्भव है भारत को स्थति के पंच परपीस पर पीछे हटा दे। TI 1 1 !