पृष्ठ:२१ बनाम ३०.djvu/९९

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(1. नहीं कि उसका राज्य सम्बन्धी प्रमध शिथिल और काष रता पूर्ण होगा उसे पूर्ण विश्वास मिलमा चाहिये कि प्रत्यक अवस्था में उसेगमेरठ से पूरा सहयोग मिलेगा, चाहे वह यथार्थ अशान्ति को दवाये, अथवा पहले से ही औसा मोका न आने देने को कोशिश करें।' " 2 गान्धीको अल थिएटरटन पिछले दिनों भारत..के उपमन्त्री थे। आपका कहना है कि महात्मा गान्धो और दूसरे नेताओं को प्रकट लेना चाहिये । लार्ड रीरिग निपुण वाइसराय थे और सार्ट लायट चतुर गयरमर, जिम्होंमे सहयोग के दिनों में. महात्मा गान्धीको पकला था। यही अव होना चाहिये । मुझे याद है कि अब असहयोग का जोर था और बड़े धैर्य और साहस के साथ अंग्रेज अफसरों ने महात्मा पकड़ लिया या तो हिन्दुस्तान में एक कुसा मा म मका था इसके साथ ही असहयोग का प्रचार एक दम ठपग पर गया। वर्तमान सरकार के सामने पही सुमहरा अवसर उप स्थित हुमा है और यही मीति उसे मी काम में लामो चाहिये। सन् रेफरो' में अपने सम्पादकीय लेम में महात्मा गान्धी की जबरदस्त समालोचना की है और कहा है कि महात्मा गाँधी जी का भारत के नाम पर कुछ भी कहना ठगी करना है। अनवार का फहमा है कि कोई 'मी नेता उन कपड़ों 1 +