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पृष्ठ:Antarrashtriya Gyankosh.pdf/११९

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चैकोस्लोवाकिया
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यूनान और तुर्की को आक्रमणो से रक्षा करने का वचन दिया। रूस से भी मेल करने का प्रयत्न किया, परन्तु इस दिशा में हार्दिक प्रयत्न नहीं किया गया। उन्होने शान्ति की रक्षा के लिये ब्रिटेन के शस्त्रीकरण पर ज़ोर दिया। जब १ सितम्बर १९३९ को जर्मनी ने पोलैण्ड पर हमला किया तो ब्रिटेन ने भी जर्मनी के विरुद्ध युद्ध-घोषणा कर दी। पोलैण्ड के प्रश्न पर भी चेम्बरलेन ने अगस्त। १९३९ के अन्तिम सप्ताह में समझौता करने का भारी प्रयत्न किया। परन्तु हिटलर के आक्रमण से वह विचलित होगये और हिटलरवाद की कड़े शब्दो मे निंदा की। उन्होने युद्ध के बाद तुरन्त ही अपने भाषण में कहा कि ब्रिटेन का उद्देश्य नात्सीवाद का सर्वनाश करना है।

मई १९४० मे नार्वे मे ब्रिटिश-सेना की भारी पराजय से ब्रिटेन तथा मित्र-राष्ट्रो की जनता मे घोर नैराश्य छागया। कॉमन-सभा मे चेम्बरलेन की नीति तथा युद्ध-सचालन की कड़े शब्दो मे निदा की गई। पार्लमेट का बहुमत उनके विरुद्ध होगया और जो सदस्य सरकार के समर्थक थे वे विरोधी दल मे मिल गये। युद्ध-मत्री आदि


ने मि० चेम्बरलेन का साथ देना बन्द कर दिया। अतः चेम्बरलेन को प्रधान-मत्रित्व से त्याग-पत्र देना पड़ा। विन्स्टन चर्चिल प्रधान मंत्री नियुक्त किये गये। चेम्बरलेन कौसिल के लार्ड प्रेसीडेन्ट नियुक्त किये गये। परन्तु स्वास्थ्य ख़राब होजाने के कारण उन्होने ३ अक्टूबर १९४० को इस पद से त्याग-पत्र दे दिया। ९ नवम्बर १९४० को चेम्बरलेन का देहान्त होगया।


चैकोस्लोवाकिया--यह देश गत महायुद्ध के बाद आस्ट्रिया के पूर्वाधिकृत प्रान्तों बोहेमिया, मोराविया, साइलेशिया और हंगरी के पूर्वाधिकृत स्लोवाकिया