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पृष्ठ:Antarrashtriya Gyankosh.pdf/१५७

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द्वन्द्वात्मक भौतिकवाद
 

से मार्च १९४० तक प्रधान-मत्री रहा और युद्ध-मंत्री भी। फ्रान्स की आर्थिक और धन-सम्बन्धी स्थिति को कायम रखने के लिए अनुदार उपायो का अवलम्बन किया। फ्रान्स में इन दिनो जन-दल (पापुलर-फ्रन्ट) की साम्यवादी और क्रान्तिवादी त्रिगुट सरकार थी, पर पीछे उसमे दक्षिणपन्थी विचारों को बाहुल्य होता गया और दलादिये भी इसी ओर झुकता गया। सन् १९३८ मे म्युनिख की संधि पर उसने हस्ताक्षर किये। दलादिये अपने दल के वाम पक्ष में था। फ्रान्स मे वह


‘शक्तिशाली शासक' माना जाता था। अपनी ओर से हुक्म जारी किया करता था। एक हुक्म निकालकर उसने, सन् १९३९ मे, चुनावो को दो साल के लिये स्थगित कर दिया। जब चेम्बर (पार्लमेन्ट) उसके व्यक्तिगत शासन से तग आगया और उसने युद्ध को और ज़ोरो से लडने की मॉग की, तब २१ मार्च १९४० को उसने त्याग-पत्र दे दिया और बादको रिनो के मंत्रि-मण्डल मे वह युद्ध-मंत्री और वैदेशिक मन्त्री रहा, किन्त जून '४० मे हटा दिया गया। जब फ्रान्स हार गया तो बाद मे संवाद आया कि दलादिये मार्शल पेताॅ द्वारा क़ैद कर लिया गया है।



दुचे (Duce)--इटालियन भाषा में यह पद नेता का पर्याय है। मुसोलिनी की यह पदवी है।



द्वन्द्वात्मक भौतिकवाद--भौतिकवादी विचारधारा के साथ द्वन्द्वात्मक प्रणाली का सयोग। राजनीतिक दृष्टि से इसका विशेष महत्व इसलिए है कि इसका वैज्ञानिक समाजवाद से विशेष सम्बन्ध है। यह एक प्रकार से मार्क्स द्वारा प्रतिपादित समाजवाद का आधार है। उन्नीसवीं सदी के पूर्वार्द्ध में जर्मन आदर्शवादी दार्शनिक हैगल ने द्वन्द्वात्मक-प्रणाली का विकास किया। उसने