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समय पर मैं अपने कार्यस्थल पर था। विवेचक ने मेरे सहकर्मियों तथा प्रबन्धन से पूछताछ की है, उपस्थिति रजिस्टर भी लिये हैं परन्तु जानबूझकर उन्हें विवेचना में सम्मिलित नहीं किया है। मुझे बाद में साजिश कर रंजिशन व राजनैतिक हस्ताक्षेप से अधिक मुआवजे के लालच में झूठा फंसाया है।
अभियुक्त लवकुश ने अपने बयान अन्तर्गत धारा 313 दं॰प्र॰सं॰ में कथन किया है कि ऐसी कोई घटना नहीं हुई, मनगढ़न्त कहानी रचकर रंजिशन झूठा फंसाया गया है। साक्षीगण ने गलत व झूठे बयान दिये हैं। मृत्युपूर्व बयान पीड़िता को सिखाया पढ़ाया जो रंजिशन व लालच व राजनैतिक प्रभाव से बहकावे पर दिलाया गया है। वादी मुकदमा के पक्ष में झूठी विवेचना की गयी। घटना के समय मेरी उम्र 19 वर्ष थी तथा पीड़िता की उम्र 23-24 वर्ष थी। वादी के परिवार से नाली, कूड़ा-करकट एवं फैलायी गयी गन्दगी को लेकर घटना से कुछ दिन पूर्व प्रार्थी के पिता ने अन्य ग्राम वासियों के साथवादी के परिवारजनों की शिकायत एस॰डी॰एम॰ से की थी, जिसकी जाँच हुई थी, जिसके कारण वादी का परिवार हमसे रंजिश मानता था। कथित घटना के समय पर प्रार्थी अपनी माँ के साथ खेतों पर काम कर रहा था तथा सूचना पर मैं व मेरी माँ, छोटू के खेत पर पहुंचे थे तथा मैं, पीड़िता के पानी मांगने पर उसके लिये पानी लेकर आया था। मुझे बिना वजह रंजिश के कारण काफी बाद में साजिश के तहत् फंसाया गया है तथा राजनैतिक प्रभाव, मीडिया तथा सरकार विरोधी दलों की साजिश से तथा और अधिक मुआवजा पाये जाने के लालच में नितान्त झूठी, फर्जी घटना बनायी है। यदि मेरी घटना में जरा भी संलिप्तता होती तो मैं, पीडिता के लिये पानी लेकर नहीं आ सकता था। मैं निर्दोष हूँ।
13.अभियोजन साक्षी पी॰डब्लू॰–1 सतेन्द्र कुमार, जो इस प्रकरण का वादी मुकदमा है, ने अपनी मुख्य परीक्षा में सशपथ बयान किया है कि दिनांक 14.09.2020 को मैं और मेरी बहन पीडिता और माँ रामा देवी चारा लेने गये थे, तकरीबन 07:45 बजे सुबह चारा लेने खेत में गये थे। हम लोग पट्टी सावंत गाँव की सीमा में चारा इकट्ठा करने गये थे। मैंने व मेरी बहन ने चारा काटा, थोड़ी सी घास माँ ने काटी, उसके बाद माँ पीछे गाँव के खेत में चली गयी। हम दोनों भाई-बहन जो चारा काटा था उसको गठरी बांधकर घर की तरफ चल दिये और मेरी बहन पीछे-पीछे चल रही थी। उसके बाद आगे लगभग 300 मीटर चला आगे चलकर छोटू के खेत की मेड पर माँ चारा काट रही थी। उसके बाद मैंने बहन से कहा कि वह माँ के पास चली जाये और मैं गठरी लेकर घर चला गया। घर जाने के बाद मैंने अपनी गठरी घर पर रखी। मैं अपने घर में पानी पीने लगा