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और हवा भी करी थी। उस दिन बहुत गर्मी थी। उसके 10-15 मिनट बाद मेरी लड़की आराध्या जिसकी उम्र 05 साल है, वह मेरे घेर से भागकर घर पर आयी और बोली कि पापा आपको कोई बुला रहा है। फिर मैं घेर की तरफ गया, जल्दी में मैंने वहाँ पर देखा, मुझे वहाँ कोई नहीं दिखा। फिर लाइट आ गयी। मैंने भैसों को पानी पिलाना शुरू कर दिया। मैं दो भैसों को पानी पिला पाया था कि अचानक गाँव का छोटू मेरे घेर के तरफ आया और बोला कि तेरी बहन बीमार हो गयी है, बेहोश हो गयी है। तेरी मम्मी बुला रही है, जल्दी आओ! उसके बाद मैंने मैसों को पानी पिलाना बन्द कर दिया। उस समय घेर की तरफ मेरी दादी भी आ गयी तो मेरी दादी पैदल-पैदल सड़क की तरफ चल दी। मैं घर पर गया, अपनी मोटरसाईकिल स्टार्ट की और अपने घेर पर आया, मेरे पापा की जैकेट में कुछ पैसे पड़े हुये थे उसे लेने के लिये। पैसे मैंने अपने पैजामा में रखे तो उसकी जेब फटी हुई थी और उसमें चैन भी नहीं था। मैंने पायजामा चेंज किया। मैंने जो लाल शर्ट पहले पहने हुई थी वह भीग गई थी, उसे उतारकर दूसरी टी-शर्ट ग्रीन कलर की पहन ली और नीले रंग का पायजामा पहन लिया। उसके बाद मैं गाड़ी स्टार्ट करके सड़क की तरफ चल दिया। रास्ते में दादी को मैंने बाईक पर बैठाया और घटनास्थल पर करीब 08:45 बजे सुबह पहुंचा। वहाँ गाड़ी खड़ी करी और देखा कि मेरी बहन भरा में पड़ी थी। मम्मी बैठी थी और कुछ औरतें भी खडी थी, उन्हें मैं नहीं पहचानता। मैंने उनका चेहरा नहीं देखा, मैंने केवल अपनी बहन की तरफ देखा। मेरी मम्मी रो रही थी। मेरी बहन के पास दो बच्चे, जो कि मेरे चाचा बन्टू उर्फ बनवारी के लडके हैं, जिनका नाम पुतकन्ना उम्र 10 वर्ष एवं उसका बड़ा भाई वरून उम्र 16 वर्ष है, मौजूद थे। मेरी बहन लम्बी-लम्बी सांसे ले रही थी, उसे हल्का-हल्का होश था और दर्द के मारे कराह रही थी। मैंने उसको सर से उठाया और पूछा कि बहन क्या हो गया, तो बहन ने धीरे आवाज में बोला कि गुड्डू का लडका संदीप और कहकर बेहोश हो गयी। उसके बाद मैंने उसको उठाने की कोशिश करी पर वो उठ नहीं पायी फिर मैंने उसे गोदी में उठाकर सड़क पर लिटा दिया और फिर मैंने उसको मोटरसाईकिल पर बैठाया। मेरी माँ पीछे से उसे पकड़कर बैठ गयी। मैं उसको लेकर थाना चन्दपा जाने लगा, थाने से पहले दीक्षित आयुष फार्मेशी जिसमें मेरे पापा सफाई का काम करते हैं, उन्हें बुलाकर इसके बारे में बताया और मैं सीधे थाने चला गया। चन्दपा थाने में मैंने अपनी बहन को वहाँ एक चबूतरे पर लिटा दिया और वहाँ पर दो-तीन पुलिस वाले खड़े थे तो मैंने उनसे बोला कि मेरी रिपोर्ट लिख लो उन्होंने बोला कि क्या