पृष्ठ:Hathras Case judgment.pdf/११५

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115 ओमवीर सिंह द्वारा उसके व्यक्तिगत मोबाईल से की गयी थी। पीडिता ने अपने बयान में यह बताया कि पीडिता अपनी माँ के साथ चारा लेने गयी थी वहाँ पर 04–5 लोग थे जिनको वह नहीं पहचानती और यह भी बताया था कि पीडिता द्वारा उसकी माँ को बताया गया कि सन्दीप ने उसका गला दबा दिया है।" पुलिस विवेचक रामशब्द से सी०बी०आई० विवेचक द्वारा यह प्रश्न दौरान विवेचना पूछा गया था कि आपके द्वारा पीडिता का मेडिकल क्यों नहीं करवाया गया, जिस पर विवेचक रामशब्द ने यह उत्तर दिया था कि दिनांक 14.09.2020 को दर्ज मुकदमा केवल 307 भा०दं०सं० के तहत् था, जिससे सम्बन्धित मेडिकल जिला अस्पताल हाथरस में हुआ था। उस समय न तो पीडिता ने ही, न ही वादी और न तो अन्य परिवारजन ने पीडिता के साथ किसी भी तरह की दुराचार की बात बतायी थी। इसी विवेचक ने सी०बी०आई० विवेचक को अपने बयान में यह भी बताया था कि दिनांक 16.09.2020 को मैंने अपने पेशकार नरेन्द्र सिंह उपनिरीक्षक की मौजूदगी में पीडिता के पिता श्री ओम प्रकाश का बयान अन्तर्गत धारा 161 दं०प्र०सं० कोतवाली चन्दपा में दर्ज किया था उसने अपनी बेटी के साथ अभियुक्त / अभियुक्तगण द्वारा दुष्कर्म / सामूहिक दुष्कर्म की बात नहीं बतायी थी। पुलिस विवेचक ब्रहम सिंह ने विवेचक को यह बयान दिया था कि दिनांक 22.09.2020 को हमें सूचना मिली थी कि एक दर्जा प्राप्त मन्त्री सफाई आयोग के जो लडकी को हास्पीटल में देखना चाहता और उसके निवास पर भी जाना चाहता है। पीडिता का बयान लेते समय पता चला कि उसके साथ तो बलात्कार हुआ है। मैंने तुरन्त सीनियर डा० श्री एम०एफ० हुदा से इस बात का जिक्र किया और बताया कि पीडिता ने अपने साथ बलात्कार करने का बयान दिया है, जिस पर डाक्टर साहब ने मुझे बताया कि अभी तक पीडिता ने व उसके माँ-बाप ने ऐसा जिक तो नहीं किया है लेकिन केवल मारपीट होना बताया गया। इसके बाद उन्होंने कहा कि मैं तुरन्त पीडिता की इस बावत डाक्टरी जॉच करवा देता हूँ। मैंने तहसीलदार से बयान करवाने के लिये कोई पत्राचार नहीं किया लेकिन जो हास्पीटल में डाक्टर साहब थे, उन्होंने तहसीलदार साहब को बुलवाया था और लडकी का बयान करवाया था और यह भी बताया था कि तहसीलदार ने पीडिता का बयान 161 दं०प्र०सं० के बयान के बाद लिया था और यह भी बताया था कि तहसीलदार के बयान के दौरान वह जॉच अधिकारी के रूप में अस्पताल में हाजिर नहीं थे। यह भी बताया था कि उस दिन ऐसा नहीं लग रहा था कि लडकी की मृत्यु हो जायेगी क्योंकि वह अच्छी तरह से बातचीत कर रही थी। यह सही है नायब तहसीदार श्री मनीष