पृष्ठ:Hathras Case judgment.pdf/११७

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117 शिकायत प्रकोष्ठ में आर्डर बुक नम्बर 5824 दिनांक 22.09.2020 को दर्ज हुआ था तथा यह भी बयान दिया था कि प्रतिवेदन पर आदेशानुसार उसी दिन आवश्यक कार्यवाही की जाती है। उक्त प्रतिवेदन पर दिनांक 22.09.2020 को ही कार्यवाही की गयी थी, जिससे स्पष्ट है कि उक्त प्रतिवेदन दिनांक 22.09.2020 को प्राप्त हुआ था । डा० एम०एफ० हुदा का भी बयान दौरान विवेचना लिया गया था, जिन्होंने यह बताया था कि दिनांक 14.09.2020 को ही कैथेराईज्ड किया गया था। दौरान विवेचना जे०एन०एम०सी० के स्टॉफ तथा चिकित्सकों एवं नर्सिग के भी बयान दर्ज किये गये थे तथा सभी ने अपने बयान में यह बताया था कि पीडिता को दिनांक 14.09.2020 को जे०एन०एम०सी० में भर्ती किये जाते समय पीडिता या उसके घरवालों में से किसी ने भी बलात्कार जैसी घटना के बारे में नहीं बताया था । यह सही है कि सुश्री आफरीन ने सी0बी0आई0 विवेचक द्वारा एक विडियों क्लिप दिखाये जाने पर उसके सम्बन्ध में अपने बयान में यह कथन किया है कि "आज आपके द्वारा मुझे पीडिता का एक विडियों दिखाया गया है, जिसे देखकर मैं यह कह सकती हूँ कि उपरोक्त विडियों रिक्वरी वार्ड में ही बनाया गया है क्योंकि इस विडियों में लडकी के सिराहने की तरफ एक ट्राली रखी दिख रही है, जिस पर कुछ लिखा हुआ है और ऐसी नम्बर वाली ट्राली हमारे रिक्वरी वार्ड में ही है लेकिन यह विडियों कब और किसने बनाया, इस बारे में मैं कुछ नहीं कह सकती ।" यह सही है कि जो विडियों क्लिप सी0बी0आई0 विवेचक ने सुश्री आफरीन को दिखायी थी, वह विडियों कब और किसने बनायी, उसके बारे में हमारी विवेचना में भी पता नहीं चला सका परन्तु वह विडियों सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी । यह सही है कि ग्राम बूलगढी के हल्का लेखपाल जितेन्द्र सिंह का बयान दौरान विवेचना विवेचक द्वारा लिया गया था, जिसमें उसने यह बताया था कि कुछ व्यक्तियों ने पीडिता के पिता ओम प्रकाश के विरूद्ध ग्राम सभा की जमीन पर अवैध रूप से कब्जा करने के सम्बन्ध में शिकायत उपजिलाधिकारी हाथरस को दी थी और उस शिकायत पर अभियुक्त के परिवारजनों के हस्ताक्षर थे और यह भी बताया था कि मौके पर देखने से पता चला कि उक्त जमीन में ओम प्रकाश पुत्र बाबू लाल ग्राम सभा की आंशिक जगह पर एक कमरा अवैध रूप से बना लिया है। लेखपाल ने अपनी जाँच में उक्त शिकायत को सही पाया था । दौरान विवेचना, सी0बी0आई0 ने डा० अलीफ मुजफ्फर सौफी का बयान अंकित किया था, उन्होंने अपने बयान में यह बताया था कि "It is not possible for us to give a definite opinion regarding sexual assault on the deceased.” दौरान विवेचना,