पृष्ठ:Hathras Case judgment.pdf/१२४

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124 परिवारजन से नाराज थे। इस तथ्य की पुष्टि अभियोजन द्वारा परीक्षित कराये गये साक्षीगण ने अपने बयानों में भी की है। दिनांक 14.09.2020 को जब पीडिता को घायल अवस्था में थाना चन्दपा लाया गया तो वहाँ उपस्थित पत्रकारों ने पीडिता से पूछताछ की और इस पूछताछ के विडियों बनाये, जिसमें पीडिता ने मात्र एक अभियुक्त सन्दीप का नाम लिया है। इसके अतिरिक्त अन्य किसी अभियुक्तगण का नाम नहीं लिया है और न ही अपने साथ बलात्कार होने का कोई कथन किया है। इसके उपरान्त पीडिता को बागला जिला चिकित्सालय हाथरस ले जाया गया। वहाँ मौजूद पत्रकारों द्वारा भी पीडिता से पूछताछ की गयी तथा इस पूछताछ के विडियों बनाये गये । इस पूछताछ में भी पीडिता ने मात्र एक अभियुक्त सन्दीप द्वारा घटना कारित करने का कथन किया है तथा अपने साथ बलात्कार होने का कोई कथन नहीं किया है। दिनांक 22.09.2020 को मेडिकल कालेज अलीगढ़ में पीडिता का मृत्युपूर्व बयान मनीष कुमार नायब तहसीदार, तहसील कोल जिला अलीगढ द्वारा अभिलिखित किया गया । मृत्युपूर्व बयान में भी पीडिता ने अपने साथ बलात्कार होने का कोई कथन नहीं किया है। पीडिता के इस बयान में अभियुक्त सन्दीप की उम्र 20 वर्ष, अभियुक्त रामू की उम्र 25 वर्ष एवं अभियुक्त रवि की उम्र 32 वर्ष होने का कथन किया है तथा यह भी कथन किया है कि इन चारो लोगों से हमारी कोई रंजिश नहीं है । पीडिता का बयान अन्तर्गत धारा 161 दं०प्र०सं० दिनांक 19.09.2020 को तत्कालीन पुलिस क्षेत्राधिकारी रामशब्द द्वारा लिया गया है, जिसे महिला आरक्षी रश्मि द्वारा लेखबद्ध किया गया है। पीडिता ने अपने इस बयान में मात्र सन्दीप द्वारा दुपट्टे से गला दबाने एवं उसके साथ छेडखानी करने का कथन किया है, अन्य किसी व्यक्ति का नाम अभियुक्त के रूप में पीडिता ने नहीं लिया है। पीडिता का दूसरा बयान अन्तर्गत धारा 161 दं०प्र०सं० पुलिस क्षेत्राधिकारी ब्रहम सिंह द्वारा दिनांक 22.09.2020 को लिया गया है, जिसे महिला मुख्य आरक्षी सरला देवी द्वारा लेखबद्ध किया गया है। पीडिता ने अपने इस बयान में अभियुक्तगण सन्दीप, रामू, लवकुश व रवि चारों को नामित किया है एवं अपने साथ अभियुक्तगण द्वारा बलात्कार किये जाने तथा अभियुक्त सन्दीप द्वारा दुपट्टे से गला दबाने का कथन किया है। पीडिता के यह सभी बयान मृत्यु कालीन बयान की श्रेणी में आते हैं परन्तु इन सभी बयानों में पीडिता द्वारा विरोधाभासी कथन किये गये हैं। पीडिता द्वारा उसके परिवारजनों के समझाने बुझाने पर