पृष्ठ:Hathras Case judgment.pdf/१२६

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126 कारण अधिकतर राजनैतिक पार्टियों के कई शीर्ष नेता पीडिता के गाँव बूलगढी आये, जिन्हें प्रशासन द्वारा रोका भी गया परन्तु इसके बावजूद भी राजनैतिक दलों के नेतागण पीडिता के घर भी गये, जिससे इस प्रकरण में राजनैतिक हस्तक्षेप रहा है और उसी राजनैतिक हस्ताक्षेप एवं एस०सी० / एस0टी0 के अपराध में सरकार से मिलने वाले अधिक मुआवजे के लालच में अपराध को लगातार बढाया गया है। पहले धारा 307, फिर छेडखानी और बाद में तीन अन्य अभियुक्तगण के नाम जोडकर प्रकरण को सामूहिक बलात्कार तक ले जाया गया जबकि अभियुक्तगण द्वारा ऐसी कोई घटना कारित नहीं की गयी है । सत्यता यह है कि अभियुक्त सतेन्द्र व मृतका के बीच प्रेम सम्बन्ध थे और वे दोनों फोन से लगातार एक-दूसरे के सम्पर्क में रहते थे। सी0बी0आई0 द्वारा इस सम्बन्ध में निकाले गये फोन कॉल डिटेल्स व सी.डी. आर. से भी यह स्पष्ट है तथा साक्षीगण के बयानों से भी यह साबित होता है कि पीडिता व अभियुक्त सन्दीप के बीच लगातार लम्बी-लम्बी कॉल्स हुई हैं, जबकि इन दोनों के परिवारों के बीच आपसी रंजिश होना बताया गया है। पीडिता व अभियुक्त सन्दीप के बीच सम्बन्धों के कारण पीडिता के परिवार वाले नाराज रहते थे। घटना के दिन भी पीडिता द्वारा अभियुक्त सन्दीप को इशारे करते हुये, लिये जाने के कारण पीडिता के परिवारजन द्वारा उसके साथ मारपीट की गयी, जिससे उसके गले में चोट आयी और उसी चोट के कारण पीडिता की बाद में मृत्यु हुई है। अभियुक्तगण को रंजिश के कारण झूठा फंसाया गया है। घटना दिनांक 14.09.2020 की है परन्तु बलात्कार के सम्बन्ध में पीडिता का चिकित्सीय परीक्षण दिनांक 22.09.2020 को मेडिकल कालेज अलीगढ़ में हुआ है, जिसमें बलात्कार का कोई साक्ष्य नहीं पाया गया है। घटना के समय पीडिता के पहने हुये कपडों का भी फारेन्सिक परीक्षण हुआ है परन्तु उसमें भी कोई बलात्कार सम्बन्धी साक्ष्य नहीं पाया गया है। इस प्रकार पीडिता के चिकित्सीय परीक्षण एवं फारेन्सिक परीक्षण में पीडिता के साथ बलात्कार होने की पुष्टि नहीं हुई है। इस प्रकरण में विवेचना के दौरान गठित एम0आई0एम0बी0 की टीम ने भी अपनी रिपोर्ट में पीडिता के साथ बलात्कार होने की पुष्टि नहीं की है। इस प्रकरण में अभियुक्तगण को रंजिश के आधार पर झूठा फंसाया गया है। अभियुक्तगण निर्दोष हैं, उन्हें ससम्मान रिहा किया जाये। अभियुक्तगण के विद्वान अधिवक्ता द्वारा अपने तर्कों के समर्थन में सन्दर्भित विधि व्यवस्था 2021 (114) ए.सी. सी. 855 विजय सिंह बनाम् उ०प्र० राज्य, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मामले में पीडिता के साथ तीन लोगों ने