पृष्ठ:Hathras Case judgment.pdf/१२७

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51. 127 बलात्कार किया और उसके शरीर पर चोट का कोई निशान नहीं था । माननीय न्यायालय ने यह माना कि पूरी कहानी मनगढन्त लगती है। 2007 (2) एस.सी.सी. (आपराधिक ) 187 राजस्थान राज्य बनाम नेत्रपाल व अन्य, जिसमें माननीय उच्चतम न्यायालय ने यह अवधारित किया है कि विसंगतियां अतिश्योक्ति या अलंकरण गवाहों के बयान एवं जॉच अधिकारी के साक्ष्य में विरोधाभास है तो न्यायालय को ऐसे सबूतों पर भरोसा नहीं करना चाहिए। 2020 (2) जे.आई.सी. 537 अजय व अन्य बनाम् उ०प्र० राज्य इलाहाबाद उच्च न्यायालय, इस मामले में माननीय उच्च न्यायालय ने यह अवधारित किया है कि मृत्युकालीन कथन परिवार के सदस्यों की उपस्थिति में दर्ज किया गया है और मृत्युकालीन बयानो में वास्तविक विरोधाभास है तो मृत्युकालीन बयान को सिखाये पढाये जाने की सम्भावना से इन्कार नहीं किया जा सकता | 2023 ( 1 ) जे.आई. सी. 285 ( एस. सी.) उत्तम बनाम् महाराष्ट्र राज्य, जिसमें माननीय उच्चतम न्यायालय ने अवधारित किया है कि एकाधिक परस्पर विरोधी मृत्युकालीन बयान की ग्राहयता और साक्षीय मूल्य - न्यायालय से यह अपेक्षा की जानी चाहिए कि वह यह पता लगाने के लिये सबूतो की सावधानी से जाँच करे कि मरने से पहले दिये गये बयानों में से किसकी पुष्टि अभियोजन पक्ष द्वारा प्रस्तुत अन्य तात्विक साक्ष्यों से होती है। 2008 सी. आर. एल.जे. 3531 पनीर सेल्वम बनाम् तमिलनाडु राज्य, इस मामले में माननीय उच्चतम न्यायालय ने अवधारित किया है कि न्यायालय को मृत्युकालीन बयान की सावधानी से जाँच करनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिये कि मृत्युकालीन बयान सिखाये पढाये जाने या उकसाने या कल्पना का परिणाम तो नहीं है। जहाँ मृत्युकालीन बयान संदिग्ध है उस पर सम्पुष्टि किये गये साक्ष्य के बिना कार्यवाही नहीं की जानी चाहिए। दुर्बलता से ग्रस्त मृत्युकालीन बयान दोषसिद्धि का आधार नहीं हो सकता । जहाँ मृत्युकालीन बयान की प्रकृति के एक से अधिक बयान हैं। समय के बिन्दु पर सबसे पहले बयान को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। पत्रावली के अवलोकन से विदित है कि वादी मुकदमा सतेन्द्र कुमार द्वारा प्रथम तहरीर प्रदर्श क-1 एवं द्वितीय तहरीर प्रदर्श क-2 में घटना का समय सुबह 09:30 बजे होने का कथन किया गया है परन्तु इस साक्षी न्यायालय में दी गयी अपनी मुख्य परीक्षा में कथन किया है कि दिनांक 14.09.2020 को मैं और मेरी बहन पीडिता और मॉ रामा देवी चारा लेने तकरीबन 07:00 बजे सुबह खेत में गये थे। मैंने व मेरी बहन ने चारा काटा, थोडी सी घास मॉ ने काटी व उसके बाद मॉ पीछे गाँव के खेत में चली गयी हम दोनों भाई-बहन ने जो चारा