पृष्ठ:Hathras Case judgment.pdf/१२८

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128 काटा था, उसे गठरी बांध कर घर की तरफ चल दिये। लगभग 300 मीटर आगे चल कर आये तो छोटू के खेत की मेड पर माँ चारा काट रही थी। मैंने, बहन से कहा कि वह मॉ के पास चली जाये और मैं गठरी लेकर घर चला गया। घर जाने के बाद मैंने अपनी गठरी घर पर रखी, मैं अपने घर में पानी पीने लगा और हवा भी करी। उसके 10-15 मिनट बाद मेरी लडकी आराध्या घेर से भागकर घर पर आयी और बोली कि आपको पापा कोई बुला रहा है। मैं घेर की तरफ गया, मुझे वहाँ कोई नहीं दिखा फिर लाईट आ गयी। मैंने भैंसों को पानी पिलाना शुरू कर दिया। अचानक गाँव का छोटू मेरे घेर की तरफ आया और बोला कि तेरी बहन बीमार हो गयी है, बेहोश हो गयी, तेरी मम्मी बुला रही है, जल्दी जाओ। मैं घर पर गया अपनी मोटरसाईकिल स्टार्ट की और घेर र आया और पापा की जैकेट से कुछ पैसे निकाले और अपने पैजामा में रखे। मैंने जो शर्ट पहले पहनी हुई थी, वह भीग गयी थी, उसे उतारकर दूसरी टी-शर्ट ग्रीन कलर की पहन ली और नीले रंग का पैजामा पहन लिया फिर गाडी स्टार्ट करके सडक की तरफ चल दिया, रास्ते में दादी को मैंने बाईक पर बैठाया और घटनास्थल पर करीब 08:45 बजे सुबह पहुंचा । वादी मुकदमा के इस बयान से स्पष्ट है कि घटना सुबह 08:45 बजे से बहुत पहले हो चुकी थी। इस साक्षी ने अपनी प्रतिपरीक्षा में यह कथन किया है कि मैं घर पर घास का गट्ठर डालने तथा पानी लेने आया था। मैं बहन के पास पानी लेकर नहीं गया। मैं घर पर आराम करने लगा। सोचा थोडी देर आराम करके लाईट आने पर पानी लेकर जाऊंगा। छोटू के बताने के बाद मैं घेर से घर पर चला गया था, खेत पर नहीं गया। छोटू ने मुझसे अपने खेत पर पहुंचने के लिये कहा था, छोटू का खेत मेरे घेर से लगभग आधा किलोमीटर दूर है। मैं घेर से सीधा खेत पर जल्दी पहुंच सकता था। मैं घर पर जल्दी की वजह से मोटरसाईकिल लेने गया था। वादी मुकदमा सतेन्द्र कुमार ने अपनी प्रतिपरीक्षा में यह भी कथन किया है कि यह सही है कि घटना दिन के 09:30 बजे की है और इस समय पर ग्रामीण लोग अपने खेतों में चारा लेने के लिये, घास काटने के लिये एवं अन्य कृषि कार्यो के लिये अपने खेतों पर आते-जाते रहते हैं । वादी मुकदमा व पीडिता की मॉ श्रीमती रामा देवी पी0डब्लू0 - 17 ने न्यायालय में दिये अपने सशपथ बयान में यह कथन किया है कि घटना दिनांक 14.09.2020 की है, उस दिन मैं अपने घर से सुबह 07:30 बजे अपने बेटे सतेन्द्र व पुत्री पीडिता के साथ खेत पर घास लेने गयी थी। घास काटते हुये मैं आगे निकल गयी जब लौटकर आयी तो उसकी पुत्री पीडिता वहाँ नहीं मिली। तलाश करने पर छोटू के बाजरे के खेत में