पृष्ठ:Hathras Case judgment.pdf/१३३

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133 कथन है कि मैंने, पीडिता के कपडे उतरे पड़े होने की बात तभी अपने बेटे सतेन्द्र को बता दी थी। मैंने, छोटू को आवाज दी, जो सामने के खेतों में चरी काट रहा था फिर कहा कि मेरे रोने की आवाज सुनकर छोटू आ गया था। मैंने किसी को मदद के लिये आवाज नहीं दी। मैंने यह गलत बता दिया है कि मैंने, छोटू को आवाज दी। खेत छोटू का ही था । जब तक मैंने कपडे नहीं पहना लिये तब तक मैंने छोटू को नहीं आने दिया। मैंने अपनी पुत्री को कपडे पहनाने के बाद उसे खेत से मेड तक लाने के लिये छोटू से मदद नहीं ली और न ही किसी अन्य व्यक्ति से मदद ली । मैंने, पीडिता को कपडे पहनाकर तथा खींचकर बरहा (गुल) तक लाने के बाद छोटू को सतेन्द्र को बुलाने भेजा था। मैं, पीडिता को कन्धे से पकडकर खींचकर बरहा तक लायी थी जब मैंने चडढी पहनायी थी तो उसके पैर जमीन पर थे। मैंने उसके पैर व कुल्हे उठाकर चडढी पहनायी थी। पीडिता का कोई भी कपडा फटा हुआ नहीं था। पैजामी का नाडा खुला हुआ था, टूटा हुआ नहीं था। मैंने, पीडिता के गले से लिपटा हुआ दुपट्टा निकालने के बाद उसे कपडे पहनाये थे। मैंने, पीडिता के मौके पर निर्वस्त्र पाये जाने वाली बात चन्दपा थाने पर पहुंचकर पुलिस वालों को नहीं बतायी थी । यहाँ यह उल्लेखनीय है कि पी0डब्लू0 - 17 रामा देवी का यह कथन है कि वह जब बाजरे के खेत में पीडिता को ढूंढती हुई पहुंची तो वहाँ पीडिता निर्वस्त्र बेहोश पड़ी थी। इस साक्षी का यह भी कथन है कि पीडिता के निर्वस्त्र मिलने की जानकारी उसने अपने पुत्र पी0डब्लू0 – 1 सतेन्द्र को दे दी थी परन्तु थाना चन्दपा पर पी0डब्लू0 – 1 द्वारा दी गयी प्रथम तहरीर प्रदर्श क-1 में पीडिता के निर्वस्त्र मिलने का कोई उल्लेख नहीं है। यह भी महत्वपूर्ण है कि पी0डब्लू0 - 17 रामा देवी ने अपनी प्रतिपरीक्षा में यह कथन किया है कि मैंने, सी0बी0आई0 विवेचक को अपने बयान दिनांकित 17.10.2020 अन्तर्गत धारा 161 दं०प्र०सं० में यह कहा था कि मुझे शक हुआ कि कहीं उसे सॉप ने तो नहीं काट लिया। छोटू के कहने पर जब मैंने गौर किया कि उसके जीभ में चोट लगी है तो मैंने अन्दाजा लगाया कि कहीं उसे सॉप ने तो नहीं काट लिया इसलिए मैंने यह बात सी0बी0आई0 विवेचक को बतायी थी । यदि पी0डब्लू0 - 17 रामा देवी को खेत में पीडिता निर्वस्त्र अवस्था में पड़ी मिली तो सॉप के काटने का शक कैसे हो सकता है। निर्वस्त्र अवस्था में शक सीधा यौन हमले की ओर ही जाता। सॉप के काटने का शक होने से इस बात पर सन्देह उत्पन्न होता है कि पीडिता, उसकी मॉ को निर्वस्त्र अवस्था में मिली। इस सम्बन्ध में इस प्रकरण की विवेचनाधिकारी पी0डब्लू0 – 35 श्रीमती सीमा पहूजा ने अपनी प्रतिपरीक्षा में यह कथन किया है