पृष्ठ:Hathras Case judgment.pdf/१४४

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144 हों। राजवीर दिलेर मेरे घर आये थे। चन्द्रशेखर रावण मेरी बहन से मिलने जे०एन०एम०सी० अलीगढ़ में आया था, जो भीम आर्मी का चीफ है। डा० राजकुमारी बंसल छत्तीसगढ मेडिकल कालेज में प्रोफेसर मेरे घर पर उस दौरान आयी थीं और एक रात हमारे यहाॅ रूकी थी। अगर मंजू दिलेर ने मेरे किसी प्रार्थना पत्र को संलग्न कर कोई अभ्यावेदन पुलिस अधिकारीगण या राजनैतिक प्रमुख को प्रेषित किया है तो मुझको उसकी जानकारी नहीं है। पी0डब्लू0–19 ओम प्रकाश ने इस सम्बन्ध में अपनी प्रतिपरीक्षा में यह कथन किया है कि मंजू दिलेर जे०एन०एम०सी० अलीगढ़ में पीडिता के पास आयी थी । चन्द्रशेखर रावण भी जे०एन०एम०सी० अलीगढ में पीडिता से मिलने आया था और मेरे गाँव में भी गया था। यह सही है कि चन्द्रशेखर रावण अभी कुछ दिन पहले मेरे घर गया भी था और रूका भी था। राहुल गाँधी व प्रियंका वाड्रा गाँधी मेरे घर गये थे, मुझे नहीं मालूम की राहुल गाँधी व प्रियंका वाड्रा गाँधी ने मेरे परिवार को कोई चेक दिया या नहीं। यह बात सही है कि लगभग सभी चैनलों ने इस सम्बन्ध में मेरे, मेरी पत्नी रामा देवी, मेरे पुत्र सतेन्द्र के तथा मेरी पुत्रवधू संध्या के इण्टरवियू लिये थे और ये सारे इण्टरवियू सभी चैनलों पर चले थे । इस सम्बन्ध में पी0डब्लू0-35 विवेचनाधिकारी श्रीमती सीमा पाहूजा का कथन है कि यह बात मेरी जानकारी में है कि मंजू दिलेर दर्जा प्राप्त मन्त्री राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग, सांसद राजवीर सिंह दिलेर की पुत्री हैं। यह तथ्य भी जॉच के दौरान स्पष्ट हो गया था कि श्रीमती मंजू दिलेर ने इस प्रकरण से सम्बन्धित पत्र पुलिस महानिदेशक श्री एस. सी. अवस्थी को लिखा था । विवेचनाधिकारी का यह भी कथन है कि पुलिस विवेचक ब्रहम सिंह ने सी०बी०आई० विवेचक को यह बयान दिया था कि दिनांक 22.09.2020 को हमें सूचना मिली थी कि एक दर्जा प्राप्त मन्त्री सफाई आयोग के जो लडकी को हास्पीटल में देखना चाहता है और उसके निवास पर भी जाना चाहता है। विवेचनाधिकारी का यह भी कथन है कि हमें, मंजू दिलेर द्वारा इस प्रकरण के सम्बन्ध में डी. जी. पी. लखनऊ को लिखे गये पत्र की जानकारी कहीं से हुई थी, उस पत्र को मैंने पढा था, पत्र में अंकित अभियुक्तगणों की संख्या इस वक्त ध्यान नहीं । इस प्रकार पत्रावली पर उपलब्ध उक्त साक्ष्य के अवलोकन से यह तो प्रकट होता है कि दर्जा प्राप्त मन्त्री मंजू दिलेर द्वारा इस प्रकरण के सम्बन्ध में एक पत्र पुलिस महानिदेशक उ०प्र० को भेजा गया है और यह भी प्रकट होता है कि कई राजनैतिक दलों के नेतागण इस प्रकरण की जानकारी मिलने के उपरान्त पीडिता के गाँव में आये थे परन्तु इससे यह साबित नहीं होता है कि उन्होंने इस प्रकरण की विवेचना में