पृष्ठ:Hathras Case judgment.pdf/१४५

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145 कोई हस्ताक्षेप किया हो । पत्रावली के अवलोकन यह भी विदित है कि घटना दिनांक 14.09.2020 की है परन्तु बलात्कार के सम्बन्ध में पीडिता का चिकित्सीय परीक्षण दिनांक 22.09.2020 को मेडिकल कालेज अलीगढ़ में हुआ है, जिसमें बलात्कार का कोई साक्ष्य नहीं पाया गया है। घटना के समय पीडिता के पहने हुये कपड़ों का भी फारेन्सिक परीक्षण हुआ है परन्तु उससे भी कोई बलात्कार सम्बन्धी साक्ष्य नहीं पाया गया है। इस प्रकार पीडिता के चिकित्सीय परीक्षण एवं फारेन्सिक परीक्षण में पीडिता के साथ बलात्कार होने की पुष्टि नहीं हुई है। इस प्रकरण में विवेचना के दौरान गठित एम०आई०एम०बी० की टीम ने भी अपनी रिपोर्ट में पीडिता के साथ बलात्कार होने की पुष्टि नहीं की है। पत्रावली के अवलोकन से यह भी विदित है कि घटना दिनांक 14.09.2020 की सुबह के समय की है और पीडिता को उसी दिन चिट्ठी मजरूबी के साथ बागला जिला चिकित्सालय हाथरस में इलाज हेतु ले जाया गया, जहाँ डा० रमेश बाबू द्वारा उसका इलाज किया गया। डा० रमेश बाबू पी0डब्लू0–4 के रूप में परीक्षित हुये हैं। इस साक्षी ने अपने सशपथ बयान में यह कथन किया है कि मेरे द्वारा पीडिता के परीक्षण के दौरान उसके गले पर चोट से सूजन, blood oozing के निशान, semi conscious condition थी। मेरे सामने परीक्षण के दौरान वह बोली नहीं थी। उस दौरान पीडिता के साथ sexual assault के सम्बन्ध में कोई जानकारी मेरे सामने पीडिता व उसके परिवार वालों के द्वारा नहीं लायी गयी थी, न ही मजरूबी चिट्ठी में ऐसा कुछ लिखा था । गले की चोट को देखते हुये उसकी स्थिति के अनुसार उसे अलीगढ़ मेडिकल कालेज रेफर किया गया । इस साक्षी का प्रतिपरीक्षा में कथन है कि मैंने, पीडिता की कोई इंजरी नोट नहीं की, फिर कहा कि पीडिता की दशा गम्भीर थी। मैंने, पीडिता के शरीर के किसी भी हिस्से पर ब्लड नहीं देखा, केवल गले पर blood oozing था, पीडिता को कोई हेड इंजरी नहीं थी। इस सम्बन्ध में अभियोजन की ओर से परीक्षित पी0डब्लू0 - 18 डा० नैन्सी गुप्ता ने अपने सशपथ बयान में यह कथन किया है कि इस प्रकरण से सम्बन्धित पीडिता को मैंने दिनांक 14.09.2020 को डा० भावना के साथ परीक्षित किया था, वह लगभग 04:00 बजे शाम को कैजुअल्टी में लायी गयी थी। पीडिता को गला घोंटने की शिकायत पर लाया गया था तथा उसके गले पर चोट के निशान थे। एक लिगेचर मार्क 05x2 सेमी0 का था, जो गले के बीच से 02 सेमी० बॉयी तरफ से शुरू हो रहा था । दूसरा लिगेचर मार्क 10x3 सेमी0 का था, जो गर्दन के बीच से शुरू होकर गर्दन