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कार्यवाही करेंगे और हम घर को वापस आ गये। उसके अगली सुबह दिनांक 18.09.2020 को मैं दुबारा अस्पताल अपनी बहन के पास गया। अगले दिन 19.09.2020 को मैं अपने गाँव में अपने घर आ गया क्योंकि वहाँ भैसों की देखभाल के लिये कोई नहीं था। अस्पताल में बहन के पास मेरा भाई संदीप, मेरी माँ व मेरे पापा उसकी देखभाल के लिये रह गये। दिनांक 19.09.2020 को संदीप ने फोन पर बताया कि बहन का बयान करने कोई आया था, वो मुझे मालूम नहीं है। फिर दिनांक 22.09.2020 को सी॰ओ॰ ब्रहम सिंह साहब बहन का बयान लेने अस्पताल गये थे और लौटकर वो घर पर मेरे पास वापस आये थे। सी॰ओ॰ साहब घर पर भी मिलने आये और मेरे साथ घटना वाले स्थान पर गये। उन्होंने घटना के बारे में मुझसे जानकारी ली। फिर अगले दिन 24.09.2020 को संदीप का फोन आया कि बहन की हालत अधिक खराब है और उसे वेंटीलेटर पर ले जा रहे हैं। दिनांक 25.09.2020 को मेरी माँ गाँव घर पर आ गयी थी। इलाज के दौरान वेंटीलेटर पर उसकी तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर डाक्टर साहब ने दिनांक 28.09.2020 को बोला कि दिल्ली एम्स अस्पताल में रेफर कर रहे हैं। दिनांक 28.09.2020 को दिल्ली एम्स रेफर किया गया था लेकिन सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया और दिनांक 29.09.2020 को बहन की सुबह 05:00 बजे करीब मृत्यु हो गयी। पहले गाजियाबाद रहने के दौरान मेरे पास मोबाईल नम्बर 9953476043 जो कि वीवो हैण्टसेट पर लगा था वो दिनांक 04.03.2020 को चोरी हो गया। लॉक डाउन के दौरान मेरी छोटी दादी प्रेमवती का देहान्त दिनांक 06.03.2020 को हो गया था, जिस कारण मैं दिनांक 05.03.2020 को गाँव आया था। उसके बाद मैंने गाँव में रहने के दौरान अपने पिताजी का नम्बर 9897319621 का इस्तेमाल किया। हमारे घर में केवल यही फोन था और कोई फोन नहीं था। इस प्रकरण में मेरी बहन की सफदरजंग अस्पताल में मृत्यु होने के पश्चात मेरे पिता ओम प्रकाश एवं संदीप ने बहन का शव पहचानकर प्राप्त किया था, जिसके सम्बन्ध में सफदरजंग अस्पताल की रसीद मेमो पत्रावली पर कागज संख्या 187 के रूप में मौजूद है, जिस पर अपने भाई संदीप व पिता के हस्ताक्षर की शिनाख्त करता हूँ, जिन्हें 'A' एवं 'B' बिन्दु से चिन्हित किया गया। इस स्तर पर माननीय न्यायालय की अनुमति से एक टैग से बंधा केमेस्ट्री सी॰एफ॰एस॰एल॰ दिल्ली की सील से बन्द लिफाफा खोला गया, जो लिस्ट ऑफ आर्टिकल के अनुसार क्रमांक–4 है, जिसके अन्दर एक दूसरा लिफाफा जिस पर EX-9 लिखा हुआ है, निकला जिसके अन्दर एक सफेद कलर की प्लास्टिक की कैन निकली जिस पर