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आये और बहन की कंडीशन देखी। उस समय बहन को होश नहीं था। फिर डाक्टर साहब ने कुछ जाँच की पर्चियाँ दी। फिर हम पर्ची लेकर एक्सरे करवाने गये। काफी देर के बाद हमारा नम्बर आया। एक्सरे होने के बाद हम बहन को बाहर लेकर आये और डाक्टर साहब से पूछा "क्या हुआ है"। डाक्टर साहब ने बताया कि इसकी रीढ़ व गर्दन की हड्डी में फैक्चर आया है, जिसकी वजह से ब्लड सर्कुलेशन नहीं हो रहा है। उसी से पैरालाईसिस जैसा हो गया है। फिर उन्होंने बोला आप अल्ट्रासाउण्ड कराओ। फिर हमने अल्ट्रासाउण्ड भी कराया, उसकी रिपोर्ट तकरीबन तीन से चार दिन बाद देने को बोला। उसके बाद फिर बहन को इलाज शुरू किया गया। इलाज चलता रहा। करीब एक दोदिन बाद बहन को होश आने लगा और उसने मेरी मम्मी को इस घटना के बारे में बताया कि गुड्डू का लड़का संदीप और उसके साथी लवकुश, रामू, रवि थे। उसने बताया कि मैं जब चारा इकट्ठा कर रही थी तो संदीप ने पीछे से आकर उसने मेरे गले में पड़े हुये दुपट्टे से पकडकर खींचकर अन्दर ले गया। उन लोगों ने मेरे साथ गन्दा काम किया है। फिर मम्मी ने आकर हमें बताया। मैंने पापा को अपनी बहन के बारे में बताया कि बहन ने बताया कि संदीप, रामू, रवि, लवकुश उसके साथ गन्दा काम किया है। फिर पापा बोलने लगे अब क्या करें। जिन चार लोगों के बारे में मेरी माँ ने मुझे बताया कि उन लोगों के बारे में मेरी बहन ने मेरी माँ को दिनांक 16.09.2020 को बताया था वो गाँ के ही रहने वाले हैं और न्यायालय में उपस्थित हैं। उसके बाद मैं दिनांक 16.09.2020 को मेरे चाचा बनवारी जो ए॰एम॰यू॰ में सफाई का काम करते हैं, उनके साथ मैं शाम को घर चला गया। मैंने बहन के बारे में चाचा बनवारी को बताया था कि बहन के साथ उन चार लोगों ने गन्दा काम किया है। फिर वो कहने लगे अब क्या करें। फिर मैंने मेरी बुआजी के लडके ललित से फोन पर बात की, उन्होंने बताया इसके बारे में एस॰पी॰ आफिस में शिकायत पत्र देना पड़ेगा। अगले दिन 17.09.2020 को अपने बुआ के लडके ललित व अमित, फूफा रामवीर सिंह के साथ हम लोग हाथरस डी॰आर॰वी॰ कालेज पर मिले, वहाँ पर हमने शिकायत पत्र टाईप करवाया। फिर हम लोग बिरादरी के कुछ अन्य लोगों के साथ, जिनके नाम मैं नहीं जानता, के साथ एस॰पी॰ आफिस जाकर एस॰पी॰ आफिस में शिकायत पत्र दिया। मेरे द्वारा एस॰पी॰ आफिस में दी गयी शिकायत पत्र की मूल प्रति पत्रावली पर 163 / 1-16अ / 2 (डी-11) के रूप में मौजूद है, जिसे 'A' बिन्दु से चिन्हित किया गया। शिकायत पत्र के मजबून की मैं तस्दीक करता हूँ। उसके बाद एस॰पी॰ विक्रांतवीर साहब से मिले, उन्होंने आश्वासन दिया कि आगे