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Hospital जाकर मृतका का मृत्युपूर्व बयान दर्ज करने के लिए आदेशित किया था। दिनाँक 22.09.2020 को शाम को 05:00 बजे के करीब मैं अस्पताल पहुंचा तथा वहाँ CMO अजीम मलिक से मुलाकात की तथा उन्हें अपना परिचय दिया तब उन्होंने एक गोपनीय मेमो मृत्युपूर्व बयान दर्ज करने के सम्बन्ध में दिया और मैं CMO साहब के साथ मृतका के वार्ड पर पहुंचा। वहाँ चार-पाँच बेड थे और मृतका एवं अन्य मरीजों के परिवारजन मौजूद थे, जिन्हें डॉक्टर साहब ने बाहर कर दिया था तथा डॉक्टर साहब ने पेसेन्ट का नाम पता आदि बताया था तथा पेसेन्ट बयान दर्ज कराने की स्थिति में है ऐसा बताया था। इसके बाद मैंने पीडिता से बातचीत की व अपना परिचय दिया। उसे बताया कि मैं एक मजिस्ट्रेट हूँ और आपका बयान दर्ज करने आया हूँ। उसे यह भी बताया बयान गोपनीय रखा जायेगा तथा वह निश्चिन्त होकर अपनी बात बता सकती। इस स्तर पर माननीय न्यायालय की अनुमति से गवाह को मृत्युपूर्व बयान से सम्बन्धित लिफाफा जो न्यायालय में सीलशुदा अवस्था में मौजूद था, को खोला गया। लिफाफे के अन्दर दो खुले लिफाफे निकले एक सफेद रंग का माननीय सी0जे0एम0 महोदय जिला हाथरस को प्रेषित है, जिस पर लगी सील एवं उसके साथ मोहर के साथ लगे लघु हस्ताक्षर को देखकर शिनाख्त करता हूँ कि यह मेरी मोहर व हस्ताक्षर है, जिन्हें आज “A” बिन्दु से चिन्हित किया गया। इस लिफाफे पर वस्तु प्रदर्श - 12 डाला गया। लिफाफे के अन्दर विवेचक ब्रह्म सिंह एवं सीमा पाहुजा द्वारा विवेचना के दौरान मृत्युपूर्व बयान के मुआयने के सम्बन्ध में दिये गये आवेदन पत्र एवं मृत्युपूर्व बयान निकला। पीड़िता के मृत्युपूर्व बयान को देखकर बयान करता हूँ कि यह मेरे द्वारा दिनाँक 22.09.2020 समय 05:40 PM पर दर्ज किया गया था। बयान के ऊपर व नीचे डॉक्टर अजीम मलिक CMO द्वारा गवाह / मृतका के होश में होने एवं बयान के दौरान होश में रहने के सम्बन्ध में प्रमाणपत्र अपने मोहर व हस्ताक्षर के साथ उसी दिन लगाये गये थे, जिनकी मैं शिनाख्त करता हूँ। उन्होने मेरे समक्ष ही हस्ताक्षर किये थे व प्रमाणपत्र लिखा था। बयान जो कि हिन्दी में है मेरे द्वारा अपने हस्तलेख में लिखा गया था, जिसकी मैं शिनाख्त करता हूँ। बयान लिखने के बाद पीड़िता/मृतका के अँगूठे का निशान लगवाया गया था, जो गोले के अन्दर मौजूद है, यह अँगूठे का निशान मेरे सामने लगाया गया था। मैंने भी इस बयान पर अपने हस्ताक्षर किये थे, जिसकी मैं शिनाख्त करता हूँ। मेरे हस्ताक्षरों को आज “A” बिन्दु से चिन्हित किया गया। डॉक्टर अजीम मलिक जिन्होंने मेरे सामने हस्ताक्षर किये थे। जिन्हे आज "B" बिन्दु से चिन्हित किया गया। पीड़िता