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बयान दिनांक 21.09.2020 को दर्ज नहीं किया था क्योंकि उसकी माँ ने यह कहा था कि वह बयान देने की स्थिति में नहीं है। दिनांक 21.09.2020 को मैं बूलगढी गाँव गया था एवं घटनास्थल भी गया था और उसी दिनांक को मुझे मुकदमा वादी सतेन्द्र भी गाँव में अपने घर पर मौजूद मिला था। मैंने उस दिन वादी सतेन्द्र का बयान दर्ज नहीं किया। यह सही है कि मैंने दिनांक 21.09.2020 को घटनास्थल पर पहुंचकर भी नक्शा नजरी नहीं बनाया था क्योंकि समय अधिक हो गया था, अंधेरा हो गया था तथा पीडिता की माॅ स्थान इंगित करने के लिये मौजूद नहीं थी। पत्रावली पर मौजूद प्रदर्श क–18 मेरे द्वारा इस प्रकरण में दिनांक 23.09.2020 को बनाया गया नक्शा नजरी है, जो मैंने पीडिता की माॅ की निशानदेही पर बनाया था। यह सही है कि केस डायरी में मेरे द्वारा घटनास्थल का निरीक्षण वादी की निशानदेही पर किया जाना दर्शाया गया है लेकिन निरीक्षण के समय पीडिता की मॉ भी मौजूद थी, वह भी घटना स्थल के बारे में बता रही थी। यह बात सही है कि प्रदर्श क–18 नक्शा नजरी में अभियुक्त के आने एवं जाने की दिशायें अंकित नहीं है। जहाँ तक मुझे याद है कि घटनास्थल सडक से 17 कदम पर है तथा पीडिता की माँ के घास काटने वाला स्थान घटनास्थल से लगभग इतनी ही दूर आगे है। यह सही है कि उपरोक्त 17 कदम की पैमाईश मैंने किसी भी दस्तावेज में नहीं किया है। मैंने दिनांक 21.09.2020 को पीड़िता की माँ व भाई का बयान इसलिए दर्ज नहीं किया क्योंकि मैं पहले पीडिता का बयान दर्ज करना चाहता था। पीडिता की माँ ने मौखिक रूप से बताया था कि पीडिता के साथ सन्दीप व अन्य तीन-चार लोगों ने दुष्कर्म किया है इसलिए मैं पहले पीडिता का बयान दर्ज करना चाहता था। मैंने घटनास्थल का निरीक्षण दिनांक 21.09.2020, 23.09.2020 व अन्य तारीखों पर भी किया था। दिनांक 21.09.2020 को जब मैं बूलगढी गया तो सतेन्द्र मिला तथा उसने मुझे घटनास्थल दिखायी, इसके बाद जब मैंने उसका बयान दर्ज करने के लिये तलाश किया तो मुझे बताया गया कि वह जे०एन० मेडिकल कालेज चला गया है। दिनांक 21.09.2020 को 02-3 बजे दोपहर को पीडिता का बयान लेने अस्पताल गया था। दिनांक 22.09.2020 को मैं, पीडिता का बयान लेने लगभग 09:00-09:30 बजे अस्पताल पहुंच गया था। उस दिन पीडिता मेरे पहुंचने पर बयान देने की स्थिति में थी। यह बात मेरे संज्ञान में है कि पीडिता ने अपना बयान बोलकर महिला आरक्षी को लिखाया। यह कहना गलत है कि पीडिता का बयान मेरे रीडर / पेशकार ने बोलकर महिला आरक्षी सरला को लिखाया हो। मुझे इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि महिला