पृष्ठ:Hathras Case judgment.pdf/५९

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हम वहाँ करीब आधा घण्टे रहे। थाने वालों द्वारा गाडी उपलब्ध न कराने पर हम उनके कहे अनुसार टैम्पो में पीडिता को लेकर बागला जिला अस्पताल पहुंच गये। हमारे साथ एक महिला पुलिसकर्मी भी गयी थी तथा एक अन्य पुलिस वाला कागज लेकर अस्पताल पहुंचा था और सतेन्द्र व उसके पापा पीछे-पीछे मोटरसाईकिल से आ गये थे। टैम्पो में कुछ सवारी पहले से ही बैठी हुई थी । मैं, मेरी लडकी सुनीता, महिला पुलिसकर्मी पीडिता को टैम्पो में बिठाकर बागला जिला अस्पताल गये थे। अस्पताल पहुंचने पर मौजूद डाक्टरों ने पीडिता का इलाज शुरू किया तथा उसे बोतलें भी चढायी तथा इलाज के दौरान पीडिता को खून की उल्टी भी हुई थी । थोडी देर देखने के बाद डाक्टरों ने कहा कि स्थिति गम्भीर है, इसे अलीगढ ले जाओ, यहाँ इसका इलाज सम्भव नहीं है । उस दौरान किसी ने फोन करके एम्बुलेन्स बुलवाई तथा इलाज सम्बन्धी कागज बनने के बाद लगभग दो बजे हम पीडिता को लेकर जे. एम. मेडिकल कालेज अलीगढ चले गये। एम्बुलेन्स में पीडिता के साथ मैं, सतेन्द्र व सतेन्द्र के पापा बैठकर अलीगढ़ गये थे । मोटरसाईकिल को मेरा रिश्तेदार घर ले गया था। वहाँ पीडिता का इलाज शुरू हुआ तथा 02-3 दिन बाद पीडिता ने लेटे-लेटे अपने कपडों पर लैट्रीन कर ली थी तथा नर्स के कहने पर मैंने उसके अण्डरवियर व सलवार धो दिये तथा सतेन्द्र से कहकर चार हगीज ( डायपर ) मंगवा लिये और पीडिता को हगीज पहनाकर चद्दर उडा दिया। मैंने अपने चचिया सास के लडके को पीडिता के लिए पाजामी लाने के लिये कहा और वह अगले दिन गुलाबी रंग की सलवार घर से ले आया । मेरे चचिया ससुर ए.एम.यू. में ही कार्य करते हैं । पीडिता के वहाँ इलाज के दौरान 01-2 दिन बाद फिर कहा 02-3 दिन बाद पुलिस वाले पीडिता से पूछताछ करने व उसका बयान लेने आये थे। बयान उन्होंने मेरे सामने नहीं लिखा था। पीडिता बडे हाल में भर्ती थी, जहाॅ और भी मरीज थे । पीडिता के कपडे अस्पताल वालों ने जांच के लिए रख लिये थे । पीडिता के इलाज के दौरान उससे मिलने के लिए मेरे कई रिश्तेदार आते-जाते रहे। पीडिता ने अपने साथ हुई घटना के बारे में मुझे 02-3 दिन बाद विस्तार से बताया, जब वह पूरी तरह से होश में आ गई थी। उसने बताया था कि मेरे साथ गलत काम हुआ है, बलात्कार हुआ है। मैंने उससे पूछा कि किसने किया तो उसने मुझें संदीप, रवि, रामू एवं लवकुश के नाम बताये थे । मेरा बेटा संदीप गाजियाबाद में रहता था तथा वह घटना वाले दिन रात को अलीगढ अस्पताल में आ गया था। मेरी बहू संध्या की माँ ने फोन पर मुझे बताया था कि पीडिता की मृत्यु हो गई है। पीडिता की मृत्यु दिल्ली में हुई थी ।