पृष्ठ:Hathras Case judgment.pdf/५८

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को छू रहे थे । पीडिता का दुपट्टा उसके गले में लिपटा हुआ था। इस स्तर पर न्यायालय की अनुमति से न्यायालय की मोहर से दिनांकित 05.03.2021 को सील किया गया, पीला लिफाफा जिसके ऊपर आर्टीकल ए-6 लिखा हुआ है। इस लिफाफे पर एम. आर. 2397 / 2020 आर.सी. 1202020 ( एस ) 0005, इस लिफाफे के अन्दर एक और खाकी रंग का लिफाफा निकला, जिस पर संयुक्त प्रदर्श-7 दिनांकित 05.03.2021 लिखा हुआ है। इसके अन्दर खाकी रंग का एक लिफाफा और निकला जिस पर सी. एफ. एल. 2020 / बी-572 बायो नम्बर 58 / 2020 संयुक्त प्रदर्श - 7 लिखा है। इसके अन्दर सफेद पुलिन्दे में, सफेद पन्नी के अन्दर एक लेडीज अण्डरवियर निकला, जिस पर पूर्व वस्तु प्रदर्श - 6 पडा हुआ है। इसको देख व पहचान कर गवाह ने बताया कि यह पीडिता का अण्डरवियर है, जो जाँच के लिए सी.बी.आई. विवेचक को दिया गया था। इस लिफाफे को पुनः उसी क्रम में लिफाफों के अन्दर रखकर न्यायालय की अनुमति से सील किया गया। जब मैं पीडिता को लेकर बाहर आयी तो वहां छोटू व उसकी माँ बिटौला एवं छोटू का बडा भाई सोम सिंह तथा मुन्नी देवी आ गयी, जो वहां सडक पर डोल रही थी। उस दौरान मैंने छोटू को अपने पुत्र सतेन्द्र को बुलवाने के लिये भेजा। छोटू को दुबारा भेजने पर सतेन्द्र आ गया। छोटू ने बताया कि पहली बार उसे सतेन्द्र नहीं मिला। मुन्नी देवी के साथ उसका लडका लवकुश भी आ गया था। मेरी देवरानी का लडका पुतकन्ना पीडिता के लिये पानी लेकर आया था और लोग, जिनमें लवकुश भी था, पीडिता के लिये पानी लाये होंगे, इस समय मुझे ध्यान नहीं है। लाये गये पानी में से कुछ पानी पीडिता को पिलाया गया तथा उसके मुँह पर छिड़क कर उसे होश में लाया गया । सतेन्द्र ने पीडिता के सिर को अपनी गोद में लेकर पानी पिलाते हुये पूछा कि बहन क्या हुआ तो पीडिता ने सिर्फ यह बोला कि गुड्डू का लडका संदीप कहकर बेहोश हो गयी। उस दौरान मेरी सास भी वहाँ आ गई। सतेन्द्र आते वक्त मेरी सास को मोटरसाईकिल पर बिठाकर लाया था। मेरी बेटी सुनीता भी उस दौरान आ गई। सतेन्द्र की मोटरसाईकिल को सडक पर खडाकर वरूण, पुतकन्ना व मेरी मदद से पीडिता को मोटरसाईकिल पर बीच में बिठा दिया और मैं उसे पकडकर उसके पीछे बैठ गई । मोटरसाईकिल सतेन्द्र चला रहा था और हम पीडिता को लेकर थाना चन्दपा आ गये, बाकी लोग पीछे-पीछे वहां आ गये। रास्ते में हमने मेरे पति को उनके कार्य स्थान पर चलते-चलते सूचित किया तथा सीधे थाने पहुंच गये। थाने पर पहुंचकर हमने पीडिता को थाने में मौजूद पक्के चबूतरे पर लिटा दिया। सतेन्द्र ने वहाँ घटना के सम्बन्ध में रिपोर्ट लिखवायी, इस दौरान