पृष्ठ:Hathras Case judgment.pdf/६९

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69 दौरान 22.09.2020 को मेरी पुत्री की तबियत ज्यादा खराब हो गयी। इसके बाद मेरी पुत्री को दिल्ली रेफर कर दिया गया । जब पीड़िता को दिल्ली ले जाया गया तब मैं भी अपने पुत्र सन्दीप के साथ गया था। पहले पीड़िता को एम्स अस्पताल ले जाया गया था । साक्षी द्वारा कहा गया कि बीच की कुछ बातें बताने छूट गयी हैं, वह मैं बताना चाहता हूं। जब हम सी०ओ० सादाबाद के पास गये तो मुझे दो नाम याद थे जो मैंने सी0ओ0 सादाबाद के स्टेनो को बताये थे । सी0ओ0 साहब के स्टेनो ने मेरे द्वारा बताये गये नामों को डायरी में लिख लिये थे। मैंने स्टेनो को बताया था कि इसके अलावा अन्य नाम मेरी पत्नी और पुत्र को पता है। पीड़िता को एम्स में भर्ती कराने का बोलकर दिल्ली ले गये थे परन्तु वहां सफदरजंग अस्पताल में भर्ती करा दिया गया जहां इलाज के दौरान 29 तारीख की सुबह उसकी मृत्यु हो गयी थी तथा अस्पताल के नियमानुसार शव को मुर्दाघर में दाखिल कर दिया गया था। वहां मैंने व सन्दीप ने पीड़िता के शव की पहचान कर इस सम्बन्ध में बनाये गये दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किये थे। पत्रावली पर मौजूद कागज संख्या 8अ / 187 पर मैं अपने हस्ताक्षर की शिनाख्त करता हूं जिसे पूर्व में 'बी' बिन्दु से चिन्हित किया गया था। कागज संख्या 8अ / 188 पर अपने हस्ताक्षर की शिनाख्त करता हूं जिसे 'बी' बिन्दु से चिन्हित किया गया । पी0डब्लू0-19 ओम प्रकाश ने अपनी प्रतिपरीक्षा में मुख्य रूप से यह कथन किया है कि सन्दीप भतीजा है और रवि व रामू उसके चाचा हैं। वे सब एक ही घर में रहते हैं। मेरे बेटे सन्दीप की उम्र लगभग 21 वर्ष है। पीडिता मेरे पुत्र सन्दीप से लगभग एक साल बडी थी । पीडिता की उम्र लगभग 22 वर्ष होगी । मैंने पीडिता की जन्म तिथि प्राईमरी विद्यालय बूलगढी में दाखिले के समय अन्दाज से दिनांक 11.11.1997 लिखायी थी । यह सही है कि सन् 2001 में मैंने अपने पिताजी से मारपीट का एक मुकदमा थाना चन्दपा में इस मुकदमें के अभियुक्त रवि एवं अभियुक्त सन्दीप के पिता गुड्डू के विरूद्ध दर्ज कराया था। इस मुकदमें का निर्णय कब हुआ और क्या निष्कर्ष निकला, यह मुझे ध्यान नहीं है । मुझे इस बात की जानकारी नहीं है कि उपरोक्त मुकदमें में दिनांक 14.04.2015 को अभियुक्त रवि व गुड्डू को निर्दोष घोषित कर बरी किया गया था। यह सही है कि उपरोक्त मुकदमें में मैं साक्षी पी0डब्लू0 -1 के रूप में परीक्षित हुआ। यह भी सही है कि भूरी सिंह व बन्टू जो मेरे चचेरे भाई हैं, वे दोनों इस मुकदमें में मेरी तरफ से गवाह के रूप में पेश हुये थे। मेरी पत्नी रामा देवी को रवि, गुड्डू से चल रहे मुकदमें के बारे में जानकारी थी । सतेन्द्र को भी