पृष्ठ:Hathras Case judgment.pdf/६८

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68 चले गये। एम्बुलेन्स में पीड़िता के साथ मैं, मेरी पत्नी व मेरा पुत्र सतेन्द्र साथ गया था। एम्बुलेन्स में ड्राईवर से फोन मांगकर अपने पुत्र सन्दीप को फोन करके बताया जो गाजियाबाद में लाल पैथोलॉजी लैब में काम करता है। हम लगभग 04:00 से 05:00 के बीच जे.एन.एम.सी. अलीगढ़ पहुंच गये थे। वहां इमरजेन्सी में पर्ची बनवायी तथा रेफरल के कागज मौजूद डाक्टरों को दिये तो उन्होंने पीड़िता को भर्ती कर लिया। भर्ती होने के बाद पीड़िता का इलाज किया गया तथा इस दौरान उसकी स्थिति सही नहीं थी । उसे 15-16 तारीख की रात को पुन: कहा 16 तारीख की सुबह होश आया तो उसने अपनी मां को बताया कि तीन-चार लोग हैं जिन्होंने मेरे साथ गलत काम किया है बलात्कार किया है, मेरी पत्नी ने यह बात मुझे बतायी। जानकारी होने पर मैं अपने चचेरे भाई भूरी सिंह व सतेन्द्र के साथ थाना चन्दपा आया शिकायत करने के लिये । पुनः कहा सतेन्द्र वहीं रह गया था, मैं और भूरी सिंह थाने गये थे। मेरी पत्नी ने जब मुझे बताया तो सतेन्द्र को भी बताया था। थाने में जो अधिकारी मिले, मुझे उनका नाम याद नहीं है। मैंने उन्हें बताया कि घटना में सन्दीप के अलावा और भी लोग हैं। इस पर उन्होंने मुझे बताया कि सी०ओ० सादाबाद कार्यालय जाओ वह नाम बढ़ा सकते हैं। इस पर मैं और भूरी सिंह सी०ओ० सादाबाद के कार्यालय पहुंचे जहां हमें सी0ओ0 साहब हमें मौजूद नहीं मिले तो हमने उनके स्टेनो को बताया कि सन्दीप के अलावा और भी चार लोग अपराध में शामिल हैं। पुनः कहा सन्दीप को मिलाकर चार लोग शामिल थे। एक दिन सतेन्द्र की पत्नी ने बताया कि किसी अनजान नम्बर से फोन आया जो अपने आप को दिल्ली का डॉन बता रहा है और फोन पर गाली गलौज कर रहा है। इस विषय पर मैंने पास के गांव केही व्यक्ति कोला चाचा से बात की। मैंने जब उनसे बात की तो उन्होंने कहा कि इस बारे में गुड्डू से बात करो। फिर हमने इस मुद्दे को वहीं छोड़ दिया और इस पर आगे कोई कार्यवाही नहीं की। जब मैंने गुड्डू से फोन नम्बर दिखाकर बात की तो उसने कहा कि यह नम्बर हमारा है। फिर हम लोग अपना काम धन्धा करते रहे। इस बारे में मैंने सी0बी0आई0 विवेचक को भी बताया था कि गुड्डू का लड़का सन्दीप अपने आप को दिल्ली का डॉन बताकर मेरे घर के नम्बर पर फोन किया करता था । सन्दीप के बात करने का कारण मैंने विवेचक को नहीं बताया था । सन्दीप हमें जाल में फंसा रहा था । मैं दीक्षित फार्मेसी में काम करता था तथा काम पर जाने के पहले भैंस का दाना पानी करता था तथा घास आदि लाने का काम मेरी पत्नी, लड़की व बेटा सतेन्द्र करते थे। मैं कभी-कभार उन लोगों के साथ जाता था। अस्पताल में इलाज के