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वेदप्रणति हिन्दू धर्म
 

था, फिर विश्व के आदि कारण की खोज की गयी और फिर उसी को'विभिन्नता में एक की शोध का तात्विक तथा स्पष्ट स्वरूप प्राप्त हो गया-'जिसके ज्ञान से अन्य सब वस्तुएँ ज्ञात हो जाती हैं।' *


  • कस्मिन्नु भगवो विज्ञाते सर्वमिदं विज्ञातं भवतीति ।

-मुण्डकोपनिषद्


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